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प्रिया परिवार के Tejpal Nunia का यह ख्वाब रह गया अधूरा, कार-बाइक बांटती थी इनकी कंपनी, VIDEO

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झुंझुनूं। प्रिया परिवार के निदेशक तेजपाल पूनिया का निधन हो गया। नूनिया ने बुधवार को सीकर जिले के नीमकाथाना में अंतिम सांस ली। करोड़ों की धोखाधड़ी के मामले में जयपुर जेल में बंद नूनिया को नीमकाथाना कोर्ट में पेशी पर लाया गया था। इसी दौरान नूनिया को हार्ट अटैक आया, जिससे मौत हो गई है।

priya pariwar Tejpal nunia story in Hindi

तेजपाल नूनिया की मौत के साथ ही एक बार फिर से प्रिया परिवार का नाम लोगों की जुबान पर है। वर्ष 2011 तक प्रिया परिवार की राजस्थान और हरियाणा समेत देश के कई राज्यों में बाइक व कार बांटने के साथ कम्प्यूटर शिक्षा देने वाली कंपनी के रूप में थी, मगर फिर धोखाधड़ी के आरोप लगने शुरू हुए तो कंपनी अर्श से फर्श पर आ गई।

प्रिया परिवार मुहैया करवाती थी शिक्षा

प्रिया परिवार मुहैया करवाती थी शिक्षा

बता दें कि राजस्थान के झुंझुनूं जिले के चिड़ावा उपखंड के गांव नूनिया निवासी तेजपाल नूनिया, उनके भाई सुरेंद्र नूनिया और भतीजे महेश नूनिया ने वर्ष 2002 में प्रिया परिवार नामक कंपनी शुरू की थी, जिसका मकसद लोगों को कंप्यूटर शिक्षा मुहैया करवाना था, मगर फिर प्रिया परिवार अपने मकसद से भटक गई और प्रिया परिवार पर कंप्यूटर शिक्षा की आड़ में धोखाधड़ी करने के आरोप लगे। नतीजा यह रहा निदेशक मंडल में शामिल तेजपाल, सुरेंद्र और महेश नूनिया को जेल में जाना पड़ा।

जानिए कौनसा ख्वाब रहा अधूरा

जानिए कौनसा ख्वाब रहा अधूरा

वर्ष 2010 तक आमजन को कंप्यूटर शिक्षा उपलब्ध करवाने वाली कंपनी के रूप में पहचाने जाने वाली प्रिया परिवार की योजनाएं और इसकी बैठक काफी अहम मानी जाती थीं। अक्टूबर 2010 में हुई एक बैठक निदेशक तेजपाल सिंह नूनिया ने बताया था कि प्रिया परिवार के अब तक 2 लाख 80 हजार सदस्य बन चुके हैं। कंपनी का ख्वाब है कि वर्ष 2020 तक हर व्यक्ति कंप्यूटर शिक्षा में दक्ष हो। इसके लिए प्रिया परिवार की ओर से प्रिया आईपीएल प्लान तैयार किया है। प्लान के तहत लोग न केवल शिक्षा बल्कि कमीशन भी हासिल कर सकेंगे। बता दें कि प्रिया परिवार 'प्रिया आईपीएल प्लान' के अगले ही साल कंपनी के खिलाफ ठगी की शिकायतें आने शुरू हुई, जो थमने का नाम नहीं लिया। उन्हीं मामलों जेल जाना पड़ा और तेजपाल नूनिया की मौत के साथ ही उनका वर्ष 2020 वाला ख्वाब भी अधूरा रह गया।

6800 रुपए में सदस्य बनाती थी प्रिया परिवार

6800 रुपए में सदस्य बनाती थी प्रिया परिवार

बता दें कि वर्ष 2002 में राजस्थान के झुंझनूं जिले के गांव नूनिया के तेजपाल नूनिया, सुरेन्द्र नूनिया और महेश नूनिया ने प्रिया परिवार के नाम से इनामी चिट फंड कंपनी शुरू की थी। राजस्थान की राजधानी जयपुर व झुंझुनूं समेत हरियाणा के हिसार, सिरसा व भिवानी आदि शहरों में प्रिया परिवार के कार्यालय खोले गए। लोगों को लुभावनी योजनाओं के जरिए सदस्य बनने के लिए प्रोत्साहित किया जाता था। कंपनी की मेंबरशिप लेने पर लोगों से 6800 रुपए जमा कराए जाते थे। वादा किया जाता था कि तीन साल बाद मेच्योरिटी पर 25,000 रुपए मिलेंगे। इस बीच कंपनी में अधिक से अधिक सदस्य जोड़ने वालों को कार व मोटरइसाकिलें तक उपहार में भेंट की जाती थी।

प्रिया परिवार का सालाना टर्न ओवर 260 करोड़ का

2011 में मिलनी शुरू हुई शिकायतें इसके चलते हजारों लोगों ने अपना पैसा जमा कराया था। पूरे देश में कंपनी ने 2, 87,000 सदस्य बनाए थे। अकेले हरियाणा में कंपनी के 12 हजार से ज्यादा मेंबर थे। आयकर विभाग में जमा कंपनी की रिटर्न में सालाना टर्नओवर 260 करोड़ रुपए बताया गया है। वर्ष 2011 में प्रिया परिवार कंपनी पर धोखाधड़ी के आरोप लगने शुरू हुए। राजस्थान और हरियाणा से सैकड़ों शिकायतें पुलिस थानों में दर्ज हुई। तब सीकर पुलिस ने नूनिया भाइयों को गिरफ्तार कर जेल भिजवाया था और इनके कार्यालयों को सील कर दिया था।

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English summary
priya pariwar Tejpal nunia story in Hindi
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