जनसंख्या नियंत्रण में राजस्थान को बड़ी सफलता, एक साल में 1 लाख महिलाओं ने किया 'अंतरा' का इस्तेमाल
नई दिल्ली: भारत की जनसंख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। इस बीच सरकार भी लोगों को कम संतान पैदा करने के लिए प्रेरित कर रही है। राजस्थान में इसके अच्छे नतीजे सामने आए हैं, जहां पर महिलाएं गर्भ निरोधक इंजेक्शन 'अंतरा' को अपना रही हैं। विश्व जनसंख्या दिवस पर राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग ने इसको लेकर आंकड़े जारी किए। जिसके मुताबिक स्वास्थ्य विभाग ने 90 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक 2018-19 में राजस्थान में 88 हजार गर्भ निरोधक इंजेक्शन का इस्तेमाल हुआ था। वहीं 2019-20 में ये आंकड़ा बढ़कर 99,496 हो गया। मामले में परियोजना निदेशक (परिवार नियोजन) डॉ. गिरीश द्विवेदी ने कहा कि विभाग ने 1.10 महिलाओं को ये इंजेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित किया था। जिसमें से 90 प्रतिशत लक्ष्य पूरा हुआ है। उनका विभाग कोरोना के बावजूद लक्ष्य के इतने करीब तक पहुंचा।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक ये पूरी तरह से सुरक्षित गर्भनिरोधक है, जो निशुल्क उपलब्ध है। बराबर अंतराल में इंजेक्शन की चार खुराक एक वर्ष के लिए गर्भावस्था को रोकेगी। पहली खुराक के तीन महीने बाद दूसरी खुराक दी जाती है। सरकार ने इसे बिना सर्जरी के दो बच्चों के बीच अंतर करने के विकल्प के रूप में पेश किया है।
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राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा के मुताबिक राज्य में कुल प्रजनन दर (TFR) 2.5 है, जिसे 2.1 लाने का लक्ष्य रखा गया है। परिवार नियोजन के तरीकों और अन्य स्वास्थ्य-सामाजिक योजनाओं को लोकप्रिय बनाने के लिए 41,645 राजस्व गांवों में स्वस्त्य मित्रा, एक पुरुष और एक महिला की पहचान की गई है। सभी को 15 जुलाई तक पूरी तरह से प्रशिक्षित किया जाएगा। इनकी मदद से ही 'निरोगी राजस्थान अभियान' सफल होगा।