परमाणु परीक्षण : ऐसे बीता पोकरण का 11 मई 1998 का दिन, ग्रामीण कभी नहीं भूल सकेंगे पौने 3 बजे का वक्त
पोकरण। 11 मई 1998 को पूरी दुनिया कभी नहीं भूल पाएगी। इस दिन भारत ने परमाणु परीक्षण कर सबको चौंका दिया था। राजस्थान के जैसलमेर जिला मुख्यालय से 110 किलोमीटर दूर स्थित पोकरण फिल्ड फायरिंग रेंज में हुए धमाकों ने भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न देशों की श्रेणी में खड़ा कर दिया था। भारत के इतिहास में जहां 11 मई 1998 का दिन स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। वहीं, पोकरण के लोगों के जेहन में इन दिन की यादें हमेशा ताजा रहेंगी।
22 साल पहले हुआ परमाणु परीक्षण-2
यूं तो भारत में इंदिरा गांधी के कार्यकाल में 1974 में पहला परमाणु परीक्षण हुआ था। फिर अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में पोकरण में 11 व 13 मई 1998 को परमाणु परीक्षण-2 हुआ। उस उपलब्धि की याद में हर साल 11 मई को राष्ट्रीय तकनीक दिवस मनाया जाता है। 22 साल पहले पोकरण के लोगों का 11 मई 1998 का दिन कैसे बीता। आईए जानते हैं उन्हीं की जुबानी।
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परमाणु परीक्षण स्थल के सबसे नजदीक है गांव खेतोलाई
पोकरण कस्बा परमाणु परीक्षण स्थल से करीब 25 किलोमीटर दूर है जबकि परीक्षण स्थल से महज 5 किलोमीटर दूर गांव है खेतोलाई। इस सबसे नजदीकी गांव खेतोलाई के रणजीता राम व विरधाराम ने मीडिया से बातचीत बताया कि पोकरण में सेना की फिल्ड फायरिंग रेंज है। यहां आए दिन धमाके होते रहते हैं, लेकिन 11 मई 1998 का बेहद खास और कभी नहीं भूल सकने वाला था। उस दिन सुबह नौ बजे गांव में सेना के अधिकारी व जवान आए।
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पेड़ों की छांव में बीती खेतोलाई के लोगों की दुपहरी
उन्होंने गांव के घर-घर जाकर सूचना दी कि दोपहर 12 बजे से अपराह्न तीन बजे तक कोई भी व्यक्ति पक्के मकानों व पत्थर की पट्टियों वाली छत से बने मकानों के अंदर नहीं बैठें। ग्रामीणों को मकानों की बजाय पेड़ों की छांव में बैठने की हिदायत दी गई। गांव के अंदर चप्पे-चप्पे पर आर्मी के जवान खड़े थे। हर गली-मोहल्ले में सेना की गाड़ियां घूम रही थीं। ग्रामीणों ने भी सेना के अधिकारियों की बात को मानते हुए अपने दैनिक कार्य जल्द निपटा लिए थे। दोपहर 12 बजे बाद सबने अपने परिवार के घरों के बाहर पेड़ों की छांव में डेरा डाल लिया था।
पोकरण में बना शक्ति स्थल
अपराह्न पौने तीन बजे गांव से उत्तर दिशा की ओर दो तेज धमाके हुए। पोकरण फिल्ड फायरिंग रेंज की तरफ आसमान में धुंए का गुब्बार उड़ता दिखाई दिया। तेज बम के धमाके से गांव सहित आसपास के क्षेत्र की जमीन थर्रा उठी थी। भूमि में हुए कंपन्न के साथ मकानों में रखा सामान नीचे गिर गया था। कई मकानों व भूमिगत टांकों में दरारें भी आ गई थी। धमाके के 15 मिनट बाद ही सेना के सभी अधिकारी व जवान गाड़ियों में सवार होकर गांव में बिना कुछ बताए ही फिल्ड फायरिंग रेंज की तरफ चले गए थे। फिर ग्रामीणों को पता चला कि उनके देश ने परमाणु परीक्षण किया है तो हर किसी का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। वर्तमान में परमाण परीक्षण वाली जगह को शक्ति स्थल के नाम से भी जाना जाता है।