यह छात्र रोजाना तपती दुपहरी में पहाड़ी की चोटी पर बैठकर करता है पढ़ाई, देखें वीडियो
बाड़मेर। पहाड़ी की ऊंची चोटी। चारों तरफ सन्नाटा। आग उगलता सूरज। गर्म हवाओं के थपेड़े और चोटी पर टेबल-कुर्सी डालकर पढ़ता छात्र। तपती दुपहरी में पसीने से तर-बतर होकर पढाई करना इस छात्र का शौक नहीं बल्कि मजबूरी है। छात्र की मजबूरी यह है कि लॉकडाउन के चलते स्कूल बंद है। पढाई ऑनलाइन हो रही है। मोबाइल के जरिए पढ़ रहा है। घर में मोबाइल नेटवर्क नहीं पकड़ता। ऐसे में घर से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर आकर इस पहाड़ी की चोटी पर बैठकर ऑनलाइन क्लास अटेंड कर रहा है।
बाड़मेर का रहने वाला है छात्र
छात्र हरिश कुमार राजस्थान के बाड़मेर जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित गांव दरुड़ा का रहने वाला है। बाड़मेर के पचभदरा स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में कक्षा 7 का विद्यार्थी है। हरिश के पिता बीरमदेव ने बताया कि मार्च 2020 से जवाहर नवोदय विद्यालय बंद है। बीते डेढ़ माह से ऑनलाइन क्लासें शुरू हुई। हरिश ने अपने घर पर मोबाइल पर ऑनलाइन क्लास अटेंड करना चाहा तो नेटवर्क नहीं मिलने की दिक्कत आने लगी।
कई बार पहाड़ी पर भी नहीं आता नेटवर्क
ऐसे में हरिश ने गांव की पहाड़ी पर बैठकर पढ़ना शुरू कर दिया। डेढ़ माह से यह सिलसिला जारी है। हरिश टेबल, कुर्सी, किताब और पानी अपने साथ पहाड़ी पर लेकर जाता है। वहां खुले ही बैठकर तब तक पढ़ता है जब ऑनलाइन क्लासें चलती हैं। सुबह आठ बजे ऑनलाइन क्लास शुरू हो जाती है। दोपहर एक बजकर 15 मिनट तक चलती हैं। इस अवधि में भीषण गर्मी के दौरान हरिश वहीं पर बैठकर पढ़ाई करता रहता है। घर के साथ-साथ पहाड़ी पर भी कई बार मोबाइल नेटवर्क नहीं आता।
नेटवर्क की समस्या दूर करें सरकार
बीरमदेव मांग करते हैं कि सरकार को ऐसे विद्यार्थियों की समस्या को दूर करने के लिए गांव में मोबाइल नेटवर्क के पुख्ता व्यवस्था करनी चाहिए या फिर पढ़ाई ऑफलाइन हो। नेटवर्क की समस्या को लेकर मोबाइल कम्पनी को कई बार शिकायत कर दी, मगर समस्या का समाधान नहीं हुआ।
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बहुत दिक्कतें होती हैं पढ़ाई में
हरिश के अनुसार सुबह से दोपहर तक पहाड़ी की चोटी पर बैठकर पढ़ाई में काफी दिक्कतें होती है। तेज धूप की वजह से पसीने से तर-बतर हो जाता हूं। पास में कोई पेड़ भी नहीं। जब तक क्लास चलती है तब तक खुले में ही बैठे रहना पड़ता है।