सिद्धू ने राजस्थान आकर आग में डाला घी, सुलग सकती है कांग्रेस की सियासत
जयपुर। राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव में अब 100 दिन से भी कम का समय बचा है। इस माहौल में भाजपा से कांग्रेस में जाकर चुनाव लड़ने और जीतने के बाद पंजाब सरकार में मंत्री बने नवजोत सिंह सिद्धू ने राजस्थान में सीएम चेहरे विवाद को एक बार फिर हवा दे दी है। एक कार्यक्रम में सिद्धू से सवाल पूछा गया कि राजस्थान में अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो सीएम कौन बनेगा। सचिन पायलट या अशोक गहलोत। इस मुद्दे पर उन्होंने सचिन पायलट की ओर इशारा करते हुए कहा है कि उनका भाई कुछ समय बाद राजस्थान को लेकर बड़े निर्णय करेगा। सिद्धू के बयान पर पायलट को सफाई देनी पड़ी।
सिद्धू जयपुर की एक यूनिवर्सिटी में सचिन पायलट के साथ छात्रों से संवाद कर रहे थे। उन्होंने छात्रों के सामने उनके बगल में बैठे पायलट की ओर देखते हुए कहा कि ये मेरा भाई कुछ समय बाद राजस्थान के लिए बड़े फैसले करेगा। सिद्धू के इतना कहते ही कांग्रेस के कार्यकर्ता से लेकर नेता और जनता भी सोचना लगी है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई, तो पायलट ही कांग्रेस के सीएम बनेंगे। इसके बाद पायलट को सफाई देनी पड़ी कि कांग्रेस के पक्ष में नतीजे आने के बाद पार्टी सीएम को लेकर कोई फैसला करेगी।
हाल ही यूपीए सरकार में पूर्व मंत्री रहे लालचंद कटारिया द्वारा कमान प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के बजाय अशोक गहलोत को सौंपने के बयान देकर नेतृत्व विवाद को हवा दी थी। प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने कटारिया के बयान पर कहा था कि ऐसे बयानों से नेता पार्टी को धोखा दे रहे हैं, गद्दारी कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं के बीच कांग्रेस के कुछ और नेता भी अशोक गहलोत को ही नेतृत्व सौंपने की मांग कर रहे हैं। पार्टी में मचे बवाल के बाद जब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी रोड शो के लिए आए, तो मंच पर कार्यकर्ताओं के सामने पायलट और गहलोत को गले मिलवाया था।
गहलोत ने कहा था - सीएम का चेहरा आपके सामने है
राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने गत जुलाई में खुद की ओर इशारा करते हुए बयान दिया था कि सीएम का चेहरा सालों से आपके सामने है। उन्होंने यह बयान देकर अपना रुख आलाकमान के सामने स्पष्ट कर दिया था। उन्होंने कहा था कि वे 10 साल राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे हैं और ऐसे में सीएम के चेहरे की आवश्यकता कहां है। उन्होंने कहा कि वे जनता के सेवक हैं और अंतिम सांस तक सेवक रहेंगे। उन्होंने कहा कि वे दिल्ली रहें, पंजाब रहें या गुजरात, लेकिन सेवा राजस्थान की जनता की ही करेंगे।
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