Meenu Jain Murder Case : 3 हजार कारों के फुटेज देख दिल्ली पुलिस ऐसे पहचान पाई कातिल दिनेश दीक्षित की कार
नई दिल्ली। वायुसेना की पूर्व विंग कमांडर की पत्नी मीनू जैन हत्याकांड ( Meenu Jain Murder Case ) का आरोपी दिनेश दीक्षित बेहद शातिर व शादीशुदा महिलाओं से दोस्ती करने में माहिर है। उसके शातिर होने का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 25 अप्रैल की रात को वह मीनू जैन की हत्या करने के बाद जयपुर चला गया था।
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मीनू जैन हत्याकांड के खुलासे में लगे थे 50 पुलिसकर्मी
3 दिन तक दिल्ली पुलिस उस तक पहुंच ही नहीं पाई। पूरी वारदात को दिनेश दीक्षित ने सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया था। हालांकि फिलहाल वह पुलिस की गिरफ्त में है। दिनेश दीक्षित आसानी से दिल्ली पुलिस की पकड़ में नहीं आई बल्कि दिल्ली पुलिस के 50 पुलिसकर्मी इस केस के खुलासे में लगाए गए थे। उन्होंने तीन हजार गाड़ियों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले तब जाकर एक छोटा सुराग हाथ लगा था उसी ने दिल्ली पुलिस को हत्यारे दिनेश दीक्षित तक पहुंचा दिया।
मोबाइल डेटिंग ऐप से शुरू हुई मीनू व दिनेश की स्टोरी
बता दें कि दिनेश दीक्षित राजस्थान के सीकर जिले के रामगढ़ शेखावाटी का रहने वाला है। वर्तमान में वह जयपुर के मुरलीपुरा में रहता था। सट्टेबाजी में धंधे लिप्त था। 56 वर्षीय दिनेश दीक्षित ने चार माह पहले मोबाइल डेटिंग ऐप पर दिल्ली के द्वारका में रहने वाली पूर्व विंग कमांडर की पत्नी 52 वर्षीय मीनू जैन से हुई। दोनों में गहरी दोस्ती हो गई और अकेले में भी एक-दूसरे से मिलने लगे। 25 अप्रैल को दिनेश दीक्षित मीनू से मिलने दिल्ली आया था। दोनों ने साथ में बाहर लंच किया और रात को घर पर अकेले ही थे। जमकर शराब पी। इसी दौरान दिनेश ने लूट के इरादे से मीनू की तकिए से गला दबाकर हत्या कर दी और 50 लाख रुपए जेवरात-नकदी लेकर तड़के फरार हो गया। वह मीनू का एक मोबाइल भी अपने साथ ले गया था।
इस छोटे से सुराग ने कर दिया मीनू जैन हत्याकांड का खुलासा
26 अप्रैल को दिल्ली के द्वारका इलाके में एयरफोर्स ऐंड नेवल अपार्टमेंट सेक्टर-7 के फ्लैट में मीनू जैन मृत मिली थी। शुरुआत में तो पुलिस इसे अत्यधिक शराब पीने की वजह सामान्य मौत मान रही थी, मगर जांच के दौरान पुलिस को मीनू के पास दो मोबाइल फोन होने की जानकारी मिली और दूसरा मोबाइल 26 अप्रैल की सुबह पांच बजे गुड़गांव के पास स्वीच आफ होना पाया गया तो पुलिस को जांच की दिशा मिली। पुलिस ने गुड़गांव से राजस्थान की ओर जाने वाले टोल बूथ और मीनू जैन के अपार्टमेंट की पार्किंग के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले। करीब तीन हजार कारों में से एक कार दोनों जगह पर समान पाई गई। उसकी पहचान इसलिए हो सकी क्योंकि उसके चालक साइड में आगे-पीछे डेंट लगे हुए थे। कार की पहचान होने के बाद दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर नवीन कुमार व एसआई अरविन्द की टीम जयपुर भेजी, जिसने स्थानीय पुलिस की मदद से दिनेश की कार का पता लगाकर उसे गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की।