राजस्थान: बगावती विधायकों को मायावती की चेतावनी, गहलोत सरकार के समर्थन पर कही यह बात
Jaipur News in Hindi, जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस की गहलोत सरकार पर मंडरा रहे संकट बादलों के बीच राहत भरी खबर आई है। बसपा राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने गहलोत सरकार को बाहर से समर्थन जारी रखने की बात कही है। साथ ही मायावती ने 6 बगावती विधायकों को सख्त हिदायत दी कि पार्टी की सोच और विचारधारा के खिलाफ न जाएं। ऐसा कुछ किया तो आगे चलकर बसपा से निलंबित किया जाएगा। पार्टी कभी भी उनको टिकट नहीं देगी। पार्टी आगे चलकर उन्हें किसी भी प्रकार की गतिविधियों में शामिल नहीं करेगी।
जयपुर में बसपा के राजस्थान प्रदेश कार्यालय पर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इंजीनियर रामजी गौतम ने मीडिया को बताया कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार को बसपा का बाहर से समर्थन जारी रहेगा। बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बसपा के सभी 6 विधायकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि विधायक अपने ईमान को ना बेचें। सभी विधायक देश-प्रदेश से जातिवादी संकीर्ण सोच एवं साम्प्रदयिक ताकतों को रोकने में अपनी अहम भूमिका निभाएं। मायावती ने विधायकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर किसी विधायक ने पार्टी के खिलाफ जाने की कोशिश की तो उन पर बसपा पार्टी की तरफ़ से सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, मायावती ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी को बसपा का समर्थन जारी रहेगा।
पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने बुलाई खास बैठक, कई नेता आए टेंशन में, इन मुद्दों पर होगी चर्चा
राज्यपाल से मिले थे बसपा विधायक
राजस्थान में बसपा के 6 विधायक है और लोकसभा चुनाव के बाद सोमवार को उनकी राज्यपाल कल्याण सिंह से मुलाकात के बाद कई सियासी कयास लगाए जा रहे थे। बसपा विधायकों की अचानक राज्यपाल से मुलाकात को लेकर कहा जा रहा था कि बसपा कांग्रेस समर्थन वापस ले सकती है। साथ ही राज्यपाल से मुलाकात के बाद बसपा विधायकों के बीजेपी को समर्थन जैसी चर्चाओं ने भी राजनीतिक हलकों में खलबली मचा दी थी।हालांकि कि मायावती की इस चेतावनी के बाद भी ऐसी अटकलों से इनकार नहीं किया जा सकता।
लोकसभा में बसपा ने 20 प्रत्याशी उतारे
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में 6 सीटों पर जीतने वाली बसपा ने लोकसभा चुनाव 2019 में राजस्थान की 20 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन इन सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई, पार्टी ने इस चुनाव में अपना जनाधार खोती हुई नजर आई। पार्टी का वोट शेयर जहां पिछले चुनावों की तुलना में अप्रत्याशित रुप से घटा है।