बेटा नक्सलियों से लड़ते हुआ शहीद, अब मां CM के लिए लड़ रही 'जंग'
Sikar News, सीकर। वतन पर मर मिटने वाले शहीदों के परिवार का साथ देने का राजस्थान सरकार भले ही लाख दावे करती हो, मगर हकीकत बेहद कड़वी है। शायद यही वजह है कि नक्सलियों से लड़ते हुए वीरगति पाने वाले एक जवान की मां को मुख्यमंत्री के लिए 'जंग' लड़नी पड़ रही है। 'जंग' का मतलब यह है कि मुख्यमंत्री के पास शहीद की प्रतिमा का अनावरण करने का समय ही नहीं है जबकि शहीद की मां की जिद है कि वह अपने बहादुर बेटे की प्रतिमा का अनावरण सिर्फ मुख्यमंत्री के हाथों ही करवाना चाहती है।
मामला राजस्थान के नीमकाथाना उपखण्ड के गांव मावंडा खुर्द ( Mawanda Khurd ) का है। यहां के शहीद मुकेश कुमार की प्रतिमा पिछले छह माह से बनकर तैयार है, मगर मुख्यमंत्री के कर कमलों से अनावरण के इंतजार में है। मुकेश शर्मा की आदमकद की प्रतिमा सफेद कपड़े में लिपटी हुई है।
दो सीएम बने, अनावरण किसी ने नहीं किया
वैसे तो राजनेता किसी भी अनावरण के लिए उतावले रहते हैं, मगर मावंडा खुर्द के शहीद की प्रतिमा का अनावरण करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा। छह माह पहले जब प्रतिमा बनकर तैयार हुई थी तब राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया थीं और अब अशोक गहलोत हैं। गहलोत को भी सीएम बने ढाई माह हो गए, मगर दोनों में से किसी सीएम ने शहीद मुकेश की मां का बस इतना सा ख्वाब पूरा नहीं कर पाए हैं। छह माह पहले मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे नीमकाथाना आई थीं। वे खेतड़ी जाते समय मावंडा खुर्द में रुकी भी थीं, लेकिन अनावरण नहीं हो सका।
मां ने आठ लाख खर्च करके लगवाई प्रतिमा
योगेश कुमार ने बताया कि उनके भाई मुकेश शर्मा छत्तीसगढ़ पुलिस फोर्स में थे। 29 दिसम्बर 2013 को नक्सली हमले में शहीद हो गए थे। शहीद की याद को चिरस्थायी बनाने गांव में डाबला रोड पर मां भूतौरी देवी ने आठ लाख रुपए खर्च करके शहीद स्मारक बनवाया। इनके अलावा 3 लाख विधायक कोटे से स्वीकृत हुए थे। बस शहीद मुकेश की मां की एक ही इच्छा है कि उसके बेटे के स्मारक का अनावरण मुख्यमंत्री करें।
मंत्री-सांसद के लिए बोला तो मना कर दिया
नीमकाथाना जिला सैनिक कल्याण अधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि शहीद मुकेश शर्मा का स्मारक बनकर तैयार हो जाने के बाद उसके परिजनों ने मुख्यमंत्री से ही अनावरण की बात कही है। सैनिक कल्याण मंत्री और सांसद के कर कमलों से अनावरण करवाने के लिए कहा था, लेकिन परिजनों ने मुख्यमंत्री से ही अनावरण की बात कही है। वे प्रयास भी कर रहे हैं। जैसे ही अनुमति मिलेगी भव्य अनावरण होगा।