जानिए 17 मिनट में ही क्यों हो गई यह शादी, बारातियों को नाश्ते में मिले सिर्फ चाय बिस्किट
सीकर। शादी को यादगार बनाने के लिए लोग कोई कसर नहीं छोड़ते। खूब नाच-गाना होता है। देर रात तक जश्न चलता है। बैंड बाजा, घोड़ी और लम्बा-चौड़ा शामियाना तक की व्यवस्था की जाती है, मगर यह शादी इन सब मामलों में मिसाल बन गई। महज 17 मिनट में एक जोड़ा हमेशा-हमेशा के लिए एक दूसरे का हो गया। बारातियों को भी महज चाय बिकिस्ट का नाश्ता करवाया गया। शादी के नाम पर कोई फिजुलखर्ची नहीं हुई।
मामला राजस्थान के सीकर जिले के कांवट कस्बे का है। यहां पर सोमवार को मिथुनदास व मांडला की ढाणी निवासी मीना की शादी हुई। शादी के लिए निजी शिक्षण संस्थान को चुना गया, जिसमें बेहद सादगीभरी माहौल में शादी सम्पन्न हुई। बारात में कांवट निवासी मिथुनदास के नजदीकी रिश्तेदार व परिवार के लोग शामिल हुए, जिन्हें दुल्हन पक्ष की ओर से नाश्ते में चाय बिस्किट दिया गया।
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एक
तरफ
चलते
रहे
प्रवचन
दरअसल,
दूल्हा
और
दुल्हन
का
परिवार
संत
रामपाल
का
अनुयायी
है।
संत
रामपाल
शादी
के
नाम
पर
फिजुलखर्ची
रोकने
का
संदेश
देते
हैं।
ऐसे
में
शिक्षण
संस्थान
में
एक
तरफ
संत
रामपाल
के
प्रवचन
चलते
रहे
और
दूसरी
तरफ
सादगी
से
शादी
की
रस्में
निभाई
जा
रही
थी।
दूल्हा-दुल्हन
जमीन
पर
चटाई
बिछाकर
बैठे
और
महज
17
मिनट
की
रस्मों
के
बाद
एक-दूसरे
के
हमसफर
बन
गए।
समाज
में
दिया
अनूठा
संदेश
दुल्हन
मीना
के
चचेरे
भाई
ने
बताया
कि
बिना
खर्च
के
शादी
करके
उनके
परिवार
ने
समाज
में
अनूठा
संदेश
दिया
है,
जिस
पर
हम
सबको
गर्व
है।
शादी
के
नाम
पर
फिजुलखर्ची
रोकी
जानी
चाहिए।