Manoj Khurkhuriya : बीपीएल परिवार का लड़का बिना कोचिंग के 5 साल में 7 बार लगा सरकारी नौकरी
नागौर। कहते हैं हारा वहीं जो लड़ा नहीं। यानी इंसान अगर ठान ले तो वह कोई भी लक्ष्य हासिल कर सकता है। इस बात का उदाहरण है राजस्थान के नागौर जिले की मेड़ता सिटी के गांव मुंगदड़ा का मनोज खुड़खुड़िया। ये वो शख्स हैं जो बिना किसी कोचिंग के पांच साल में 7 बार सरकारी नौकरी लग चुके हैं।
जानिए कौन हैं मनोज खुड़खुड़िया
बता दें कि गुदड़ी लाल मनोज खुड़खुड़िया की जिंदगी कामयाबी की मिसाल है। ये फिलहाल पाली जिले में अल्पसंख्यक कार्यालय में कनिष्ठ लेखाधिकारी पद पर कार्यरत हैं। इनके पास पाली अल्पसंख्यक जिला कार्यालय के साथ-साथ जिला रसद विभाग व जोधपुर में अल्पसंख्यक मामलात विभाग का भी अतिरिक्त चार्ज है।
आरएएस अफसर बनना है मनोज का लक्ष्य
वन इंडिया हिंदी से बातचीत में मनोज कहते हैं कि उनका लक्ष्य आरएएस अफसर बनना है। आरएएस 2016 व एसआई प्री परीक्षा में भी सफलता हासिल की थी। इनके अलावा मनोज ने यूजीसी नेट, रीट व सी-टेट जैसी परीक्षाएं भी पास कर रखी है। सबसे खास बात यह है कि मनोज ने कभी कोई कोचिंग नहीं की। सब खुद से पढ़ाई कर किया है।
इन परीक्षाओं में मारी बाजी
1. कनिष्ठ विधि सहायक
2.
पटवारी
3.
हॉस्टल
वार्डन
4.
एलडीसी
पहली
बार
5.
एलडीसी
दूसरी
बार
6.
जूनियर
लेखाधिकारी
7.
व्याख्याता
खुद के घर में बनाई लाइब्रेरी
मीडिया से बातचीत में मनोज ने बताया कि उसे कोचिंग की बजाय खुद की तैयारी पर ज्यादा भरोसा है। इसलिए किताबें खरीदकर ले आता था। स्थिति यह हो गई कि घर में ही लाइब्रेरी बन गई, जिसमें संविधान, इतिहास, भूगोल, गणित, हिन्दी, अंग्रेजी व राजस्थानी भाषा सहित एनसीईआरटी की 400 से अधिक पुस्तकें हैं।
मनोज खुड़खुड़िया का परिवार
बता दें कि मनोज बेहद गरीब परिवार हैं। पिता जसराम खुड़खुड़िया किसान और माता रामप्यारी हाउस वाइफ हैं। छोटा भाई सुरेश भी प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है। मनोज के सरकारी नौकरी लगने से पहले इनका परिवार बीपीएल श्रेणी में शामिल था। हालांकि अब नाम हटवा दिया।
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