शहीद हेमेंद्र गोदारा : अंतिम विदाई देने पहुंचे हजारों लोग, 12 किमी तक कतार में खड़े लोगों ने बरसाए फूल
नागौर, 20 सितम्बर। देश की सरहद की सुरक्षा करते शहीद हुए हेमेंद्र गोदारा का उनके पैतृक गांव नागौर जिले के इंदास में राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया। सेना में राजपूताना राइफल के नायक के पद पर कार्यरत 32 साल के हेमेंद्र गोदारा जम्मू कश्मीर के सियाचीन में 13 हजार फ़ीट ऊंची बर्फीली चोटी पर तैनात थे। इस दौरान बहुत ज्यादा सर्दी होने से वे बीमार हो गए। उनको सांस में दिक्कत आने के बाद दस सितंबर को उनकी हालत बिगड़ गई थी।
इसके बाद उन्हें 14 सितंबर से चंडीगढ़ स्थित आर्मी हॉस्पिटल में उनका इलाज शुरू किया गया, लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सकों की तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका और शनिवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। शहीद हेमेंद्र गोदारा की पार्थिव देह को रात को नागौर के जेएलएन अस्पताल लाया गया। सुबह नागौर से उनके पैतृक गांव इंदास ले जाने के दौरान नागौर शहर सहित आस-पास क्षेत्र के लोग नम आंखों से अंतिम विदाई देने पहुंचे।
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तिरंगे में लिपट कर पहुंचे अपने लाडले को अंतिम विदाई देने हजारों लोग नागौर से इंदास की और उमड़ पड़े। 12 किलोमीटर लंबे सफर के दौरान हर सड़क के दोनों तरफ एकत्र बड़ी संख्या में लोगों ने नम आंखों से जाबांज को विदाई दी। हजारों लोगों की मौजूदगी में सेना का वाहन पार्थिव देह लेकर इंदास गांव मे हेमेंद्र के घर पहुंचा। शहीद की मां और पत्नी के पार्थिव देह के पास पहुंचते ही माहौल गमगीन हो गया। श्मशान स्थल पर पर शहीद को उनकी बटालियन से आये हुए सैन्य अधिकारियों और सैन्य जवानों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
इसके बाद नागौर के पूर्व सांसद सीआर चौधरी, नागौर विधायक मोहन राम, खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल,ADM मोहनलाल खटनावलिया ASP राजेश मीना जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल मुकेश शर्मा, कई ग्राम पचायतों के सरपंच और पंचायत समिति सदस्य सहित कई जनप्रतिनिधि भी शहीद को नमन करने इंदास गांव पहुंचे। शहीद हेमेंद्र के सबसे बड़े बेटे देवेंद्र और छोटे भाई मूलाराम ने मुखाग्नि दी।
शहीद हेमेंद्र के परिवार में माता-पिता, 2 छोटे भाई, पत्नी और 3 बेटे है। इंदास निवासी बाबूलाल गोदारा के बड़े बेटे शहीद हेमेन्द्र गोदारा के भाई मूलाराम गोदारा गांव में ही टेंट व्यवसाय का काम करते हैं। हेमेन्द्र विवाहित थे और उनके 3 छोटे-छोटे बच्चे हैं। बड़ा बेटा 7 साल, मंझला बेटा 4 साल और सबसे छोटा बेटा नौ महीने का ही है। करीब पांच महीने पहले किसी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए हेमेन्द्र गांव आए थे।