शिक्षक की मौत के बाद सबने मुंह मोड़ा तो कुचामन SDM, तहसीलदार व BDO ने किया अंतिम संस्कार
नागौर, 12 मई। कोविड-19 वैश्विक महामारी की दूसरी लहर की वजह से देशभर में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। ऐसे में एक ओर जहां अपने ही अपनों का साथ छोड़ रहे हैं तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो इंसानियत को जिंदा रखे हुए हैं।
ऐसा ही एक मामला राजस्थान के नागौर जिले के कुचामन सिटी में सामने आया है। यहां निकटवर्ती गांव रूपपुरा में एक सेवानिवृत्त शिक्षक की मौत हो गई थी। शिक्षक के पुत्र और पुत्रवधू भी कोरोना पॉजिटिव हो गए। ऐसे में शव के अंतिम संस्कार के लिए समस्या खड़ी हो गई, क्योंकि अंतिम संस्कार के लिए रिश्तेदार और गांव वालों ने कोरोना से डर के मारे हाथ खड़े करते हुए मना कर दिया। तब उपखण्ड अधिकारी बाबूलाल जाट, तहसीलदार कुलदीप कुमार, विकास अधिकारी शैलेन्द्र सिंह और थानाप्रभारी रामवीर सिंह जाखड़ आगे आए। इन अधिकारियों ने इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए शव का अंतिम संस्कार किया।
जानकारी के मुताबिक जब प्रशासनिक अधिकारियों को सेवानिवृत्त शिक्षक इंद्रसिंह के कोरोना संक्रमण से मौत होने और उसके बाद अंतिम संस्कार के लिए किसी के आगे नहीं आने की सूचना मिली तो एसडीएम बाबू लाल जाट और उनके सहयोगी अधिकारियों ने मिलकर अंतिम संस्कार करने का फैसला किया।
सभी अधिकारी, कुचामन नगरपालिका से मोक्षवाहन लेकर रूपपुरा गाँव में मृतक इंद्रसिंह के घर पहुंचे। गाइडलाइन के मुताबिक एसडीएम बाबूलाल, तहसीलदार कुलदीप कुमार, बीडीओ शैलेन्द्र सिंह और थानाप्रभारी रामवीर सिंह जाखड़ ने पीपीई किट पहने और घर से स्ट्रेचर के जरिये शव को गाड़ी तक लाया गया। इसके बाद वे मोक्ष वाहन में शव को लेकर गांव के मोक्षधाम पहुंचे जहां सरकारी गाइडलाइन के साथ हिन्दू धर्म के रीतिरिवाजों के मुताबिक शव का अंतिम संस्कार किया गया।
रूपपुरा के सेवानिवृत्त शिक्षक इंद्र सिंह उनके पुत्र अभिमन्यु सिंह और पुत्रवधू आरती शेखावत कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद से ही तीनों होम आइसोलेशन में थे। बीती रात इंद्रसिंह की मौत हो गई। शव के अंतिम संस्कार के लिए उनके पुत्र अभिमन्यु सिंह ने परिवार के लोगों और गांव वालों से गुजारिश की, लेकिन किसी ने भी उनकी बात को अहमियत नहीं दी और पीछे हट गए।
अब अभिमन्यु सिंह के सामने पिता के शव का अंतिम संस्कार कैसे हो। यह परेशानी आ गई आखिरकार उन्होंने एसडीएम बाबूलाल जाट से संपर्क साधा। SDM जाट ने जब पूरा मामला सुना तो उन्होंने अपने सहयोगी अधिकारियों से इस बारे में चर्चा की और सब ने मिलकर शव के अंतिम संस्कार, साथ मिलकर गाइडलाइन के मुताबिक करने पर सहमति जताई।
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इसके बाद चारों अधिकारी रूपपुरा गांव पहुंचे और सब ने मिलकर शव का अंतिम संस्कार किया। अंतिम संस्कार करने के बाद SDM बाबूलाल जाट गांव के लोगों से मिले और उन्हें मानवता की दुहाई देते हुए भविष्य में इस तरह का कार्य नहीं करने के लिए निर्देशित किया।
उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव जरूरी है, लेकिन जब किसी की मौत हो जाए तो धार्मिक रीति-रिवाजों से उसका अंतिम संस्कार करना भी जरूरी होता है। सरकार के दिशानिर्देशों के मुताबिक गाइड लाइन के अनुसार पीपीई किट पहनकर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को अंजाम दिया जा सकता है इसमें डरने की जरूरत नहीं है।
SDM बाबूलाल जाट, विकास अधिकारी शैलेंद्र सिंह ,तहसीलदार कुलदीप कुमार और थाना प्रभारी रामवीर जाखड़ ने रूपपुरा के सेवानिवृत्त शिक्षक इंद्र सिंह के शव का जिस तरह से सरकारी गाइडलाइन के मुताबिक पीपीई किट पहनकर अंतिम संस्कार किया इसके बाद आसपास ही नहीं बल्कि पूरे नागौर जिले में अधिकारियों की सराहना की जा रही है।