Diya Kumari : राजस्थान की वो महिला सांसद जिसने तलाक के बाद सियासत में की शानदार वापसी
राजसमंद। लोकसभा चुनाव 2019 ( Lok Sabha Elections 2019) सम्पन्न हो गए। देशभर के साथ-साथ राजस्थान ने भी अपने 25 सांसद चुनकर 5 साल का 'भविष्य' उनके हाथों में सौंप दिया।
नए सांसदों की पारिवारिक पृष्ठभूमि, राजनीतिक सफर और निजी जिंदगी से जुड़े कुछ खास किस्सों को लेकर वन इंडिया शुरू कर रहा है 'जानिए अपना सांसद' सीरीज। इस कड़ी में सबसे पहले बात करते हैं दीया कुमारी के बारे में।
जब दीया कुमारी बनीं राजसमंद की सांसद
लोकसभा चुनाव 2019 में राजस्थान की पांच सबसे हॉट सीटों में से एक राजसमंद में दीया कुमारी ( Rajsamand MP Diya Kumari ) ने शानदार जीत दर्ज की है। उदयपुर संभाग के संसदीय क्षेत्र राजसमंद से भाजपा प्रत्याशी दीया कुमारी ने कांग्रेस प्रत्याशी देवकीनंदन गुर्जर को 5 लाख 51 हजार 916 वोटों से हराया। Rajasthan Election Result 2019 में दीया को 863039 व देवीनंदन को 311123 वोट मिले। दीया कुमारी का यह पहला लोकसभा चुनाव था।
2013 में शुरू हुआ राजनीतिक सफर
दीया कुमारी ने सितम्बर 2013 में जयपुर में आयोजित भाजपा की रैली में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व तत्कालीन भाजपाध्यक्ष राजनाथ सिंह की मौजूदगी में भाजपा ज्वाइन की। इसी के साथ ही दीया कुमारी ने अपनी दादी व जयपुर की पूर्व राजमाता गायत्री देवी के नक्शे कदम पर चलते राजनीति में प्रवेश कर लिया।
सवाईमाधोपुर से डॉ. किरोड़ी लाल को हराया
वर्ष 2013 में भाजपा ने सवाई माधापुर विधानसभा सीट से दीया कुमारी को NPEP के डॉ. किरोड़ी लाल के सामने टिकट दिया। दीया कुमारी 7 हजार 532 वोटों से जीतकर विधायक बनीं। विधानसभा चुनाव 2018 में दीया कुमारी को टिकट नहीं मिला और फिर भाजपा ने इन पर लोकसभा चुनाव 2019 राजसमंद सीट से दांव खेला। पूर्व विधायक दीया कुमारी अब Rajsamand Sansad हैं।
राजकुमारी की तरह बीता दीया का बचपन
जयपुर के पूर्व महाराजा सवाई भवानी सिंह और महारानी पद्मिनी देवी के घर 30 जनवरी 1971 को दीया कुमारी का जन्म हुआ। राजघराने में पैदा होने के कारण इनका बचपन राजकुमारी की तरह बीता। इकलौती संतान दीया कुमारी ने दिल्ली के मॉडर्न स्कूल और जयपुर के महारानी गायत्री देवी गर्ल्स पब्लिक स्कूल में पढ़ाई की। फिर उच्च शिक्षा के लिए लंदन चली गई थीं। जयपुर स्थित अपनी पारिवारिक विरासत सिटी पैलेस, जयगढ़ किले समेत अन्य इमारतों व पर्यटन स्थलों के संरक्षण के कामों में भी दीया कुमारी को अक्सर व्यस्त देखा जा सकता है। ये समाजसेवा के कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं।
21 साल की उम्र में किया प्रेम विवाह
दीया कुमारी की निजी जिंदगी में काफी उथल-पुथल रही है। सबसे ज्यादा सुर्खियों में दीया कुमार का वैवाहिक जीवन रहा। 21 साल पहले दीया कुमारी ने समाज से लड़ककर नरेन्द्र सिंह से प्रेम विवाह किया था। दोनों एक ही गोत्र के होने के कारण राजपूत सभा ने भी इनकी लव मैरिज पर नाराजगी जताई थी। एक बार मीडिया से बातचीत में दीया कुमारी ने बताया था कि वर्ष 1989 में नरेंद्र जयपुर में चार्टर्ड एकाउंटेंट की तैयारी कर रहे थे। इसी दौरान वे सवाई मानसिंह संग्रहालय ट्रस्ट में इंटर्नशिप के लिए आए थे। यहां तीन माह काम किया। तब दीया कुमारी 18 साल की थी। अकाउंट के काम से नरेन्द्र सिंह महल में कुछ काम से आए थे। यही पर दोनों की पहली मुलाकात हुई, जो तीन साल बाद में प्रेम और शादी में बदल गई।
दीया कुमारी का परिवार
सामाजिक बंधनों से लड़कर दीया कुमारी ने नरेन्द्र सिंह से वर्ष 1994 में शादी कर ली थी। तीन तीन बच्चे हुए। बड़े बेटे पद्मनाभ सिंह को महाराजा भवानी सिंह ने 22 नवंबर 2002 को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था। पद्मनाथ को 27 अप्रैल 2011 को जयपुर की गद्दी पर बैठाने की रस्म अदा की गई थी। दूसरे बेटे का नाम लक्ष्यराज सिंह व बेटी का नाम गौरवी कुमारी है। 2018 तक दीया कुमारी की निजी जिंदगी में सब कुछ सामान्य चल रहा था, मगर अचानक पति से तलाक के फैसले के कारण दीया एक बार फिर से सुर्खियों में आ गईं थी। उन्होंने गांधीनगर स्थित फैमिली कोर्ट में अपने पति नरेंद्र सिंह से तलाक के लिए अर्जी लगाई थी। 2018 में तलाक हुआ।
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