ले. किरण शेखावत : राजस्थान की बेटी, हरियाणा की बहू और देश की पहली ऑन ड्यूटी शहीद महिला अफसर
Jhunjhunu News, झुंझुनूं। राजस्थान के झुंझुनूं जिले की खेतड़ी तहसील के छोटे से गांव सेफरागुवार के विजेन्द्र सिंह शेखावत के घर 1 मई 1988 को बेटी जन्मी। नाम रखा गया किरण शेखावत (Lt. Kiran Shekhawat)। उस समय तो किसी ने सोचा तक नहीं था कि यह बेटी ऐसा इतिहास रचेगी जिस पर पूरे देश को गर्व होगा।
24 मार्च 2015 को हुआ था गोवा विमान हादसा
अब इन्हें ड्यूटी पर रहते हुए शहीद होने वाली भारत की पहली महिला अफसर होने का गौरव हासिल है। आज हम किरण शेखावत का जिक्र इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि चार साल पहले इन्हीं दिनों हमने बहादुर महिला अफसर किरण शेखावत को खो दिया था। ये 24 मार्च 2015 की रात गोवा में डॉर्नियर निगरानी विमान दुर्घटनाग्रस्त (Dornier crash 24 March 2015) हो जाने के बाद शहादत प्राप्त हुई थी। 26 मार्च को इनकी पार्थिव देह मिली और 29 मार्च को इनको अंतिम विदाई दी गई थी।
lt kiran shekhawat biography in hindi
किरण शेखावत भारतीय नौसेना की जाबाज लेफ्टिनेंट थी। किरण शेखावत की बचपन से चाह की वे इंडियन आर्मी ज्वाइन करें। उनका यह ख्वाब वर्ष 2010 में पूरा हुआ। 22 वर्षीय किरण शेखावत नौसेना में भर्ती हुई। इसके बाद उनकी शादी हरियाणा के मेवात के कुथरला गांव के विवेक छोकर हुई। विवके छोकर भी भारतीय नौसना में लेफ्टिनेंट हैं। शादी के बाद राजस्थान के सेफरागुवार की यह बेटी हरियाणा के कुथरला की बहू बन गई।
शादी के 17 साल बाद बनी पुलिस अफसर, बिहार के किसान की बहू ने कर दिखाया कमाल
पिता व ससुर भी नौसेना में (lt kiran shekhawat Family)
किरण के ससुर ससुर श्रीचंद और पिता विजेन्द्र सिंह शेखावत दोनों भी भारतीय नौसेना में पदस्थ रह चुके हैं और वर्तमान में रिटायर्ड हैं। वहीँ किरण की सास सुनीता देवी अपने गाँव की सरपंच हैं। इसके अलावा किरण की जेठानी राजश्री कोस्ट गार्ड की सर्वप्रथम वुमेन पायलट हैं। नागौर निवासी राजश्री ने किरण शेखावत के शहीद हो जाने पर उसने अंतिम संस्कार के समय उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया था, जिसे राजश्री अपनी सर्विस का सबसे मुश्किल सैल्यूट मानती हैं।
पहली ही पोस्टिंग में वतन पर कुर्बान हुए राजस्थान के हरि भाकर, बहन की शादी करके पर आए थे बॉर्डर पर
पति ने दी थी चिता को मुखाग्नि
लेफ्टिनेंट किरण शेखावत 24 मार्च 2015 को डॉर्नियर विमान में सवार थी। यह विमान इसी रात गोवा में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। दो दिन तक उनके शव की तलाश चलती रही और फिर 26 मार्च को उसे ढूंढ लिया गया। 29 मार्च को ससुराल कुथरला गांव में किरण के अंतिम संस्कार में हजारों लोग आए थे। देश की इस बहादुर महिला को सम्मान देने के लिए हर कोई आगे आ रहा था। उनकी अंतिम विदाई बड़े ही सम्मान के साथ की गई। चिता को मुखाग्रि उनके पति विवेक सिंह छोकर (lt kiran shekhawat husband) ने दी।
ड्यूटी निभाते हुए शहीद होने से पहले ले. किरण शेखावत दिल्ली में राजपथ पर इतिहास रच चुकी थीं। शहादत से दो माह पहले 26 जनवरी 2015 के गणतंत्र दिवस समारोह में किरण शेखावत ने राजपथ पर महिला नौसना टुकड़ी का नेतृत्व भी किया था।