Khatu Mela : इतना बदल गया बाबा श्याम का दरबार, जानिए कुछ रोचक बातें
Khatushyamji News, खाटूश्यामजी। एक श्वेत श्याम और दूसरी कलर फोटो देखकर चौकिएगा नहीं। दोनों तस्वीरें बाबा श्याम की है। एक तस्वीर के बारे में सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है कि ये 80 साल पहले की तस्वीर है। जबकि दूसरी तस्वीर वर्तमान की है।
तस्वीरें बयां कर रही हैं कि श्याम धणी के दरबार में समय के साथ-साथ कितना बदलाव आ गया। वैसे भी इस समय राजस्थान के सीकर जिले के खाटू गांव में बाबा श्याम का फाल्गुन लक्खी मेला 2019 चल रहा है। इस मौके पर जानिए खाटूश्यामजी के स्वरूप और व्यवस्थाएं कितनी बदल गई।
छोटा सा मंदिर बना गया विशाल
श्री श्याम मंदिर कमेटी के अनुसार खाटूश्यामजी में बाबा श्याम का मंदिर सन् 1777 ईस्वी में स्थापित हुआ। शुरुआत में मंदिर छोटा था, मगर वर्तमान में खाटूश्यामजी मंदिर विशाल हो गया है। हर साल इसमें नवीन कार्यों का निर्माण होता रहा है।
तब आते थे ऊंटगाड़ी और बैलगाड़ी में
खाटूश्यामजी मंदिर निर्माण के बाद से ही यहां श्याम भक्तों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। अस्सी के दशक तक ज्यादातर श्याम भक्त यहां ऊंटगाड़ी व बैलगाड़ी में बैठकर आते थे, मगर वर्तमान में लग्जरी कारों और बसों की भी यहां पहुंच हो गई। पैदल यात्री भी बड़ी संख्या में आते हैं।
फाल्गुन लक्खी मेले खाटूश्यामजी को चढ़ने वाले लाखों निशान बाद में आते हैं इस काम
पहले
सिर्फ
एकादशमी
अब
हर
माह
बाबा
श्याम
में
भक्तों
की
आस्था
दिनोंदिन
बढ़ती
जा
रही
है।
किसी
जमाने
में
यहां
पर
केवल
फाल्गुन
माह
की
शुक्ल
पक्ष
की
एकादशमी
को
ही
सैकड़ों
श्याम
भक्त
एकत्रित
होकर
रात्रि
को
भजन
कीर्तन
कर
बाबा
को
रिझाया
करते
थे,
मगर
अब
फाल्गुन
में
लक्खी
मेला
भरता
है।
हर
माह
मासिक
मेले
में
भी
श्रद्धालुओं
का
सैलाब
उमड़ता
है।
तीस लाख तक पहुंची श्याम भक्तों की संख्या
पहले खाटूश्यामजी दरबार में गिनती के भक्त पहुंचा करते थे। वर्ष 1980 के बाद से यहां भक्तों की संख्या में कुछ इजाफा हुआ। ये संख्या सैकड़ों से हजारों में तब्दील हो गई। अब खाटू के लक्खी मेले में तकरीबन 30 लाख श्याम भक्त आते हैं।
देश ही नहीं बल्कि विदेश से आने लगे श्याम भक्त
संसाधनों के बढऩे से श्याम भक्तों की खाटूनगरी में पहुंच भी आसान हो गई। किसी जमाने में राजस्थान के ही ज्यादातर श्रद्धालु यहां आते थे, मगर वर्तमान न केवल राजस्थान बल्कि मुम्बई, कोलकाता आदि दूर दराज के स्थानों और विदेशों तक से भी श्रद्धालु खाटूश्यामजी आने लगे हैं।
कभी कबुतरिया चौक में भरता था मेला
मंदिर कमेटी के अध्यक्ष मोहनदास महाराज ने बताया कि श्री श्याम मंदिर कमेटी की स्थापना सन् 1986 में हुई और इसका विधान 1995 में बना। सन् दो हजार में मंदिर परिसर में भरने वाला मेला मुख्य बाजार (कबुतरिया चौक)में भरने लग गया और मेले की बागडोर श्री श्याम मंदिर कमेटी ने संभाल ली और प्रशासन की देखरेख में ये मेले आयोजित होने लगे।
भक्तों के साथ व्यापार बढ़ा
खाटूधाम में भक्तों की भीड़ के साथ बाजार का भी विस्तार हुआ है। जो बाजार केवल कबुतरिया चौक तक सीमित था वो अब विस्तार पाकर रींगस व दांतारामगढ़ रोड़ तक हो गया है। कुछ सालों पहले यहां का व्यापार लाखों में हुआ करता था वो अब करोड़ो में पहुंच गया।
धर्मशालाएं बन गई थ्री स्टार होटल
बदलते नये दौर के साथ खाटू नगरी की हर गली में मकानों से ज्यादा धर्मशालाओं की संख्या हो गई हैं। रींगस से लेकर खाटू में अनेको एसी धर्मशालाए है। जिनमें थ्री स्टार होटल की तरह सुख सुविधाएं मौजूद हैं।