Heavy Rain In Jhunjhunu : वर्षों बाद आई काटली नदी, लोहार्गल-शाकम्भरी में बहने लगे झरने, VIDEO
झुंझुनूं। राजस्थान में फिर सक्रिय हुआ मानसून से सबसे अधिक झुंझुनूं में बरसा है। यहां 102 फीसदी अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है। पूरे जिले में बारिश से कही खुशी तो कही गम है, क्योंकि खेतड़ी इलाके में बांध टूटने से नुकसान भी हुआ है। वहीं, शाकम्भरी, लोहार्गल और चिराना में बारिश के बाद नदियों में पानी की अच्छी आवक हुई है। शाकम्भरी और लोहार्गल में वीकएंड मनाने के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय पर्यटक पहुंचे हैं।
झुंझुनूं में 102 फीसदी बारिश
राजस्थान के सभी 33 जिलों में जमकर बारिश हुई है। इस मामले में शेखावाटी ने बाजी मारी है। बारिश के मामले में यहां के झुंझुनूं और सीकर टॉपर हैं। झुंझुनूं में 102, सीकर में 100 और चूरू में 35 फीसदी बारिश अधिक है। मतलब कि झुंझुनूं में 27 जुलाई तक 189 एममए, सीकर में 195 एमएम और चूरू में 155 बारिश का अनुमान रहता है जबकि झुंझुनूं में 382 एममए और सीकर में 392 एमएम और चूरू में 209 एमएम बारिश हो चुकी है।
...तो इसलिए हुई राजस्थान में जबरदस्त बारिश
चूरू के मौसम विज्ञानी जिलेसिंह राव के अनुसार इस समय राजस्थान को बंगाल की खाड़ी से उठा मानसून भीगो रहा है। अमूमन राजस्थान में मानसून का दूसरा दौर कमजोर रहता है, मगर वर्ष 2019 में दूसरा चरण पहले वाली की तुलना में अधिक सक्रिय रहा है। इसकी वजह से पूरे राजस्थान में सावन के बदरा झूमकर बरसे हैं। हवाओं की दिशा अनुकूल होने के कारण राजस्थान में भारी बारिश हो रही है।
किसानों के साथ-साथ कावड़िए भी खुश
बता दें कि जोरदार बारिश से झुंझुनूं के किसानों के चेहरे पर खुशी है, वहीं तीर्थराज लोहार्गल से कावड़ लेकर आ रहे कावड़ियों का उत्साह भी देखते बन रहा है। शेखावाटी में कावड़िए लोहार्गल स्थित सूर्यकुण्ड से पानी लाकर सावन में भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। रविवार को लोहार्गल में सबसे अधिक कावडिए उमड़ते हैं, मगर इस बार अच्छी बारिश होने से शुक्रवार व शनिवार से ही बड़ी संख्या कावड़िए व स्थानीय लोग लोहार्गल पहुंचे हैं।
अभी भी 8 एमएम बारिश कम
वर्ष 2019 को मानसून दूसरे दौर में राजस्थान में एक बार फिर सक्रिय हुआ है और जमकर बरसा है, मगर अभी भी पूरे राजस्थान में अब तक की औसत बारिश से 7 एमएम बारिश कम है। जयपुर मौसम विभाग के अनुसार राजस्थान में 27 जुलाई तक 184 एमएम बारिश का अनुमान रहता है। इस बार अभी तक 172 एमएम बारिश दर्ज हुई है। ऐसे में 8 एममए बारिश कम है।
शेखावाटी की लाइफ लाइन काटली नदी बही
मानसून से अधिक शेखावाटी में सक्रिय है और पहाड़ी इलाके उदयपुरवाटी, नीमकाथाना, शाकम्भरी आदि में जमकर बरस रहा है। यही वजह है कि शेखावाटी के अधिकांश नदी नाले उफान पर हैं। शेखावाटी की लाइफ लाइन कही जाने वाली काटली नदी में भी कई दशक बाद पानी आया है। कोट बांध में चादर चली है और परसरामपुरा नदी भी बह निकली है। वर्षों बाद लोगों को पानी के ये नजारे देखने को मिले हैं।