Vivek Kumar : बचपन में सिर से उठ गया था पिता का साया, अब बने PM मोदी के निजी सचिव, जानिए इनका संघर्ष
राजस्थान के झुंझुनूं जिले के छोटे से गांव बहादुरवास के विवेक कुमार बने पीएम मोदी के निजी सचिव, बेहद संघर्षपूर्ण रहा है इनका जीवन
झुंझुनूं। भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के वर्ष 2004 बैच के अधिकारी विवेक कुमार जानू को हाल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निजी सचिव नियुक्त किया गया है। 46 वर्षीय विवेक कुमार मूलरूप से राजस्थान के झुंझुनूं जिले के मंडावा थाना इलाके के छोटे से गांव बहादुरवास के रहने वाले हैं। कई साल से इनका परिवार झुंझुनूं जिला मुख्यालय की बसंत विहार कॉलोनी में रह रहा है। विवेक की नियुक्ति से पूरे झुंझुनूं में खुशी की लहर दौड़ गई। यहां के लोग खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
पिता राधाकिशन जानू थे आरपीएस
विवेक के पिता राधाकिशन जानू आरपीएस अधिकारी थे। राजस्थान के कई जिलों में पोस्टेड रहे। भरतपुर जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद पर सेवाएं देते समय उनका पुलिस लाइन में निधन हो गया था। बचपन में सिर से पिता का साया उठ जाने के बाद मां सुनीता ने विवेक का पालन-पोषण किया। विवेक की प्रारंभिक शिक्षा झुंझुनूं जिले के पिलानी में हुई। इसके बाद इन्होंने आईआईटी बंबई से केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री प्राप्त की। विवेक की पत्नी आस्ती गुड़गांव में अमेरिकन एक्सप्रेस बैंक में वाइस प्रेसीडेंट हैं। उनकी दो बेटियां, तीन साल की महर तथा 10 महीने की वान्या हैं।
JHUNJHUNU के जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बनाए गए, जानिए कौन हैं धनखड़
पहले प्रयास में ही हुए कामयाब
वर्ष 2004 में विवेक कुमार भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी चुने गए। यह कामयाबी इन्हें पहले ही प्रयास में मिल गई थी और पहली पोस्टिंग रूस में राजनयिक पद पर हुई। इसके बाद आस्ट्रेलिया में सेवाएं दी। वर्ष 2014 में डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार में विवेक कुमार को प्रधानमंत्री कार्यालय में डिप्टी डायरेक्टर डिफेंस के पद पर नियुक्ति मिली। इसके बाद से विदेश संबंधी मामलों का काम देख रहे हैं। बीते शुक्रवार को ही इन्हें प्रधानमंत्री मोदी के निजी सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
8वीं तक पढ़ी रूमा देवी ने बदल दी 75 गांवों की 22 हजार महिलाओं की जिंदगी, जानिए कैसे?
कम बोलना, खूब पढ़ना है खूबी
प्रधानमंत्री मोदी के निजी सचिव नियुक्त किए जाने के बाद विवेक कुमार पीएमओ में मुख्य भूमिका में आ गए हैं। विवेक के बड़े चचेरे भाई ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उनकी नियुक्ति से पूरे परिवार को बधाइयां मिल रही हैं। विवेक कुमार कम बोलते हैं। खूब पढ़ते हैं। यह ही उनकी सबसे बड़ी खूबी है। वहीं, विवेक के पड़ोसी भंवर सिंह बताते हैं कि उन्होंने न केवल गांव बहादुरवास बल्कि पूरे जिले का नाम रोशन किया है। प्रधानमंत्री मोदी का निजी सचिव बनना हम सबके लिए गर्व की बात है।
जानिए कौन हैं राजस्थान से टीम इंडिया में चुने गए 3 क्रिकेटर, पहली बार चचेरे भाइयों को मौका
बड़े भाई के पैदा हुईं 5 बेटी, छोटे भाई ने एक बेटी को गोद लेकर जमकर मनाया जश्न, सामूहिक भोज भी करवाया