लेह में शहीद हुआ झुंझुनूं का बेटा अजय कुमावत, अंतिम विदाई देने महिलाएं भी पहुंचीं मोक्षधाम
झुंझुनूं। भारत-चीन सीमा पर लद्दाख़ में चल रहे विवाद चल रहे विवाद के बीच राजस्थान के झुंझुनूं जिले के नवलगढ़ उपखंड के गांव जाखल का बेटा अजम कुमावत शहीद हो गया। लेह से शहीद की पार्थिक देह शुक्रवार देर शाम झुंझुनूं पहुंची। शनिवार दोपहर को राजकीय सम्मान से उनके पैतृक गांव जाखल में दाह संस्कार किया गया। शहीद के अंतिम दर्शन करने और अंतिम विदाई देने के लिए हजारों लोग उमड़े।
तीन साल की बेटी है शहीद के
शेखावाटी के ग्रामीण अंचल की परम्पराओं को तोड़कर बड़ी संख्या में महिलाएं शहीद अजय कुमावत की शवयात्रा में शामिल हुईं और मोक्षधाम भी पहुंची। 32 वर्षीय शहीद अजय की तीन साल की मासूम बेटी को देख हर कोई आंसू नहीं रोक पाया।
शहीद के पिता करते हैं मजदूरी
शहीद का शव घर पहुंचा तो मां विद्या देवी व पिता परमेश्वर लाल बेसुध हो गए। पत्नी का भी रो-रोकर बुरा हाल हो गया। शहीद के भाई संजय ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी। पिता परमेश्वरलाल मजदूरी का काम करते हैं। माता विद्या देवी गृहणी हैं।
2007 में ज्वाइन की इंडियन आर्मी
संजय ने बताया कि मात्र 19 वर्ष की उम्र में वर्ष 2007 में अजय का चूरू सेना भर्ती रैली में चयन हुआ था। वर्तमान में वे लेह में 41आर्टिलरी में टेक्निकल असिस्टेंट के पद पर तैनात थे।
आर्मी आपरेशन के दौरान फिसली चट्टान
बुधवार को अजय अपने साथियों के साथ एक आर्मी आपरेशन के तहत ग्लेशियर चढ़ रहे थे। उसी दौरान चट्टान फिसल गई। उसकी चपेट में आने से अजय गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें हेलिकाॅप्टर से सेना के अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
भाई को सौंपा तिरंगा
जाखल गांव ग्राम पंचायत भवन के पास शहीद की पार्थिव देह की अंत्येष्टि की गई। शहीद की पार्थिव देह को पुलिस और सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। पार्थिव देह के साथ आए शहीद के साथी सूबेदार एमएस भापकर ने शहीद के भाई संजय कुमार को तिरंगा सौंपा।
Ajay Kumawat, #Braveheart who sacrificed his life for the #Nation at #Ladakh was laid to rest with full #Military honours at his native village #Jakhal #Jhunjhunu #Rajasthan. pic.twitter.com/MAUQDm99a5
— khemchand (@mahalakhemchand) June 20, 2020