डॉ. उपासना चौधरी : एक्सीडेंट में पैर टूटने के बाद भी कोरोना संकट में मरीजों का इलाज कर रही झुंझुनूं की बेटी
झुंझुनूं। इंसान अगर ठान ले तो असंभव कुछ भी नहीं है। फिर चाहे कितनी ही विपदा क्यों न आ जाए। ऐसा ही जज्बा और जूनून है झुंझुनूं की एक महिला डॉक्टर का। झुंझुनूं के घूमनसर गांव की बहू और भोजासर की बेटी डॉ उपासना चौधरी ने समाज की सेवा का एक अनूठा उदाहरण पेश किया है। डॉ उपासना चौधरी बतौर डॉक्टर PDU मेडिकल कॉलेज एवं डेडराज भरतिया अस्पताल, चूरू में अपनी सेवाएं दे रही हैं। मीडिया से बातचीत में उपासना ने बताया कि 'मैं दुःखी लोगों की सेवा कर सकूं। इसीलिए डॉक्टर बनी हूंं'
एक माह की तनख्वाह दान की
कोरोना की इस महामारी में उपासना ने अपनी 1 महीने की तनख्वाह भी सरकार को दान कर चुकी हैं। अब उन्होंने निर्णय लिया है कि जब तक कोविड-19 का प्रकोप चलेगा तब तक वे अपनी तनख्वाह का एक हिस्सा कोविड-19 में लोगों की मदद के लिए खर्च करेंगी। डॉक्टर उपासना के पति आईएएस अधिकारी अमित गेट उनको हमेशा समाज की सेवा के लिए उत्साहवर्धन करते हैं।
कार एक्सीडेंट में घुटने में चोट लगी
बता दें कि एक कार एक्सीडेंट में डॉक्टर उपासना के घुटने में चोट लग गई थी। इस बीच देश में कोरोना महामारी आ गई। कर्तव्य निभाने की बात आई तो पैर के दर्द को दरकिनार कर लोगों के दर्द को अहम समझा और घुटने पर गर्म पट्टा बांध कर लोगों की सेवा में जुट गईं। इसके अलावा उपासना फेसबुक के लाइव सेशन एवं विभिन्न वीडियो के माध्यम से अभी तक 1,00,000 से ज्यादा लोगों को कोविड-19 के बारे में जागरूक कर चुकी हैं।
शाम को मरीजों को फोन पर दे रही निशुल्क परामर्श
डॉ. उपासना ने बताया जब शाम को फ्री समय मिलता है तो उस समय मैं लोगों को अन्य बीमारियों के लिए फोन पर निशुल्क परामर्श दे रही हूँ क्योंकि लॉक डाउन के चलते लोग अस्पताल में ओपीडी में दिखाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है इसलिए स्वेच्छा से वह यह काम कर रही है।
निशुल्क मास्क व सैनिटाइजर भी कर रहीं वितरित
डॉक्टर उपासना गरीब तबके के लोगों को बिना मास्क और सैनिटाइजर के देखकर काफी चिंतित थी। इसके बाद इन्होंने ठान लिया कि अब ऐसे लोगों की मदद खुद ही करेंगी। अब वे जरूरतमंद लोगों को झुंझुनूं और चूरू में निशुल्क मास्क व सैनिटाइजर भी वितरित कर रही हैं।