दूध पीते दो बच्चों को चारपाई पर जंजीर से बांध दूसरे गांव गए मां-बाप, रोटी बनाकर रख गए
झुंझुनूं। ये दो मासूम बच्चे दिनभर चारपाई पर जंजीर से जकड़े रहे। बंद कमरे में भूख प्यास से तड़पते इन बच्चों के बारे में शाम को पड़ोसियों को पता चला तब इन्हें अर्द्ध मूर्छित अवस्था में अस्पताल पहुंचाया गया। हर किसी को झकझोर देने वाला यह मामला राजस्थान के झुंझुनूं जिले के सिंघाना के पास स्थित शाहपुर गांव का है।
मीडिया रिपेार्टर्स के अनुसार शाहपुर में महेंद्र वाल्मीकि और उसकी पत्नी रेखा के घर गुरुवार शाम को एक कमरे से बच्चों के रोने की आवाज आई। इस पर पड़ोसियों ने किसी अनहोनी की आशंका में कमरा खोलकर देखा तो वे दंग रह गए। कमरे में महेन्द्र के दो बच्चे चारपाई अर्द्ध मूर्छित अवस्था में थे। दोनों जंजीर से जकड़े हुए थे।
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पड़ोसियों के यह माजरा समझ नहीं आया। उन्होंने वाल्मीकि दम्पति को मोबाइल पर फोन लगाया तो उनका जवाब मिला कि वे गोगामेड़ी आए हुए हैं। अभी भादरा के नजदीक रास्ते में हैं। जल्द लौटने वाले हैं। इसके बाद पड़ोसियों ने दोनों को दूध व पानी पिलाया और पुलिस को सूचना दी। सूचना पाकर पुलिस कांस्टेबल श्रवण कुमार वाल्मीकि के घर पहुंचा और दोनों बच्चों को स्थानीय सीएचसी में पहुंचाया। यहां पर प्रभारी डाॅ. जितेंद्र यादव और शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ. अनिल लांबा ने बच्चों को प्राथमिक उपचार दिया।
डॉ. यादव व लांबा की मानें तो एक बच्चे की उम्र करीब डेढ़ और दूसरे की करीब ढाई साल है। गुरुवार को दोनों को कई घंटे तक दूध-पानी नहीं मिला। इस वजह से उनके शरीर में पानी की कमी हो गई और तबीयत बिगड़ गई। देर रात अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद बच्चों की हालत में सुधार हुआ। बता दें कि बच्चों को जंजीर से बांधने के साथ ही मां-बाप उनके पास रोटियां बनाकर रख गए थे और फिर खुद करीब डेढ़ सौ किलोमीटर दूर स्थित गोगामेड़ी चले गए। सवेरे जल्दी निकलना पड़ा और ये देर रात वापस लौटते। यह सब जानते हुए भी बच्चों को इस तरह से छोड़कर जाना हर किसी के समझ से परे था।
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