Rajasthan : घुटने की जगह कर दिया कान का ऑपरेशन, अब आ सकती है कान काटने की नौबत
Jhalawar News in Hindi, झालावाड़। राजस्थान में भामाशाह योजना के तहत कई मरीजों के आंख मूंदकर ऑपरेशन कर दिए गए, जिससे मरीजों की बीमारी दूर होने की बजाय बढ़ गई। निजी अस्पताल द्वारा मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ किए जाने का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक मरीज के घुटने की बजाय कान का ऑपरेशन कर डाला और भामाशाह योजना के तहत सरकारी राशि भी उठा ली।
यह चौंका देने वाला मामला राजस्थान के झालावाड़ जिले का है। गांव बरेड़ी निवासी देवराज ने आरोप लगाया कि उसके 80 वर्षीय पिता जग्गनाथ गुर्जर के घुटने में दर्द था। 13 मई 2019 को बरेड़ी आंगनबाड़ी केन्द्र में जयपुर के निजी अस्पताल की ओर से चिकित्सा शिविर लगाया गया था, जिसमें जग्गनाथ को भी ले जाया गया है।
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इसी तरह से झालावाड़ जिले के ही ढाणी शिवनगर निवासी रामलाल बैरवा सरोला के कान में चर्म रोग था। 10 मई को ढाणी के आंगनबाड़ी केन्द्र में लगाए गए शिविर में रामलाल भी पहुंचा। इसके बाद दोनों को चिकित्सक जयपुर ले गए। जहां दोनों का कान का ऑपरेशन कर दिया गया। जगन्नाथ को तो कान के ऑपरेशन की जरूरत ही नहीं थी जबकि रामलाल के कान के ऑपरेशन के बाद उसका कान पक गया है।
क्या है भामाशाह योजना
बता दें कि राजस्थान में 15 अगस्त 2014 को तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने उदयपुर से भामाशाह योजना का शुभारंभ किया था, जो सरकार की महिला वित्तीय सशक्तीकरण की सबसे बड़ी योजना थी। इसमें परिवार की महिला मुखिया के नाम से बैंक में खाता खोला जाता है। योजना के तहत सरकारी और कई निजी अस्पताल अधिकृत हैं, जिनमें उपचार करवाने पर संबंधित मरीज का सरकार 30 हजार रुपए तक का चिकित्सा बीमा करवाती है। भामाशाह योजना के मरीज का उपचार निशुल्क होता है।
निजी अस्पताल पर कार्रवाई करेंगे
झालावाड़ सीएमएचओ डॉ. साजिद खान ने बताया कि ऐसे निजी अस्पताल वालों के खिलाफ एफआईआर करवाई जाएगी। निजी अस्पताल की शिकायत मिली है, जिला कलक्टर व एसपी को शिकायत दी गई है। कस्बे के निकट शिवनगर ढाणी में 10 से 13 मई को जयपुर के एक निजी अस्पताल द्वारा नाक-कान-गला शिविर लगाया गया था। यहां से मरीजों को जयपुर ले जाकर ऑपरेशन किए गए। इनमें कई लोगें के गलत ऑपरेशन किए हैं।
मरीजों की पीड़ा
ढाणी शिवनगर निवासी चर्मरोग पीडि़त रामलाल बैरवा ने बताया कि वह 10 मई को ढाणी आंगनबाडी केन्द्र पर आयोजित शिविर में पैरों में चर्मरोग दिखाने गए थे। चिकित्सक उसे चिन्हित कर जयपुर ले गए। वहां उसके कान का ऑपरेशन कर दिया, जबकि उसके कान में कोई बीमारी ही नहीं थीं, उसे तो पैर में चर्म रोग था, उसे चर्म की कोई दवाई नहीं दी गई। कान का ऑपरेशन कर दिया अब कान पक कर दर्द कर रहा है। जिसे दिखाने सारोला अस्पताल आया हूं। अब कान पक गया। यही हाल रहा तो कान काटने तक की नौबत आ सकती है।
योजना
के
तहत
16
हजार
निकाल
लिए
बरेडी
निवासी
देवराज
गुर्जर
ने
बताया
गांव
बरेड़ी
आंगनबाडी
केन्द्र
में
13
मई
को
शिविर
में
उसके
पिता
जगन्नाथ
गुर्जर
(80)
घुटने
दिखाने
गए
थे,
लेकिन
उनका
जयपुर
ले
जाकर
कान
का
गलत
ऑपरेशन
कर
दिया।
क्षेत्र
में
ऐसे
कई
मामले
हैं।
ये
तो
सिर्फ
बानगी
है।
भामाशाह
योजना
का
पैसा
उठाने
के
लिए
निजी
अस्पताल
द्वारा
शिविर
में
सिर्फ
भामाशाह
कार्डधारक
मरीजों
का
नि:शुल्क
के
नाम
पर
उपचार
किया
जाता
है
जबकि
पीडि़त
रामलाल
ने
बताया
कि
उनके
गलत
ऑपरेशन
कर
उनके
भामाशाह
स्वास्थ्य
बीमा
योजना
से
16000
रुपए
निकाल
लिए।