जयपुर आईजी ने कहा कि वो नहीं मानते कि अकबर की मौत मॉब लिंचिंग में हुई
जयपुर। भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासी गर्मी बढ़ाने वाले राजस्थान में अलवर के रकबर उर्फ अकबर खान मॉब लिंचिंग मामले में जयपुर रेंज के आईजी का चौंका देने वाला बयान आया है। जयपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक वी.के. सिंह ने रकबर उर्फ अकबर खान की मौत को मॉब लिंचिंग नहीं माना है। उनके अनुसार वे नहीं मानते कि अकबर की मौत मॉब लिंचिंग में हुई है। गौरतलब है कि इस मामले की न्यायिक जांच भी हो रही है।
वी.के. सिंह अलवर में कानून व्यवस्था और अपराधों की रोकथाम को लेकर पुलिस अधिकारियों की बैठक लेने अलवर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे थे। बैठक के बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि रकबर खान की मौत के मामले को वे खुद लिंचिंग नहीं मानते हैं।
उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाकर शीघ्र कोर्ट में ट्रायल शुरू करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि लोगों द्वारा कानून हाथ में लेने की घटना सरासर गलत है। उन्होंने ऐसी घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण मानते हुए कहा कि जांच में किसी भी तरह की लापरवाही या गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
गौरतलब है कि अलवर के रामगढ़ थाना क्षेत्र में 20-21 जुलाई की मध्य रात्रि को जंगल के रास्ते दो गाय ले जाते रकबर उर्फ अकबर को ग्रामीणों ने पकड़ा था और उसकी पिटाई कर पुलिस को सौंप दिया था। इसके बाद अकबर की मौत हो गई। मॉब लिंचिंग की इस घटना ने राजनीतिक पारा चढ़ गया था। राजस्थान के राजस्थान के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने भी माना था कि अकबर की मौत पुलिस कस्टडी में हुई है।
अकबर मौत मामले में मेडिकल बोर्ड की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार उसकी पसलियां टूटी हई थीं और हाथ सहित 8 जगह फ्रेक्चर पाए गए। मेडिकल बोर्ड में शामिल डॉ. राजीव गुप्ता ने बताया कि अकबर की मौत पिटाई से ही हुई। इधर, पुलिस अधिकारियों वाली उच्च स्तरीय जांच समिति ने माना कि अकबर मामले में पुलिस टीम द्वारा हर स्तर पर किए गए निर्णयों में चूक हुई। इसके बाद रामगढ़ थाने के एएसआई को निलम्बित तथा सहित तीन कांस्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया गया।
इधर, स्थानीय भाजपा विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने कहा था कि पुलिस ने खुद को बचाने के लिए घटना को मॉब लिंचिंग की शक्ल दी है और बेकार ही तीन जनों को नामजद कर गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि अकबर को 24 दिसम्बर 2014 को रामगढ़ क्षेत्र में ही स्थित नौगांवा के ग्रामीणों ने गो तस्करी के आरोप में पकड़ा था और पुलिस के हवाले किया था।
पुलिस ने एफआईआर नं. 355/2014 दर्ज कर उसके खिलाफ चालान भी पेश किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि तीन घंटे के अंतराल में अकबर पुलिस की सख्ती का शिकार हुआ। जब उसका दम टूटने लगा, तब पुलिस अस्पताल ले गई और अब अपनी जान बचाने के लिए पुलिस ग्रामीणों की धरपकड़ कर रही है।