राजस्थान के जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बनाए गए, जानिए कौन हैं धनखड़
झुंझुनूं। देश में शनिवार को दो राज्यपालों का तबादला कर दिया जबकि कुछ राज्यों में नये राज्यपाल नियुक्त किए हैं। इनमें राजस्थान के झुंझुनूं जिले के पूर्व सांसद और सर्वोच्च न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता जगदीप धनखड़ को पश्चिम बंगाला का राज्यपाल बनाया गया है। जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल में केशरी नाथ त्रिपाठी का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल पूरा हो रहा है।
झुंझुनूं के किठाना गांव के रहने वाले हैं धनखड़
जगदीप धनखड़ की नियुक्ति से राजस्थान के शेखावाटी अंचल में खुशी की लहर दौड़ गई। वर्ष 1951 में झुंझुनूं जिले के गांव किठाना में जन्मे धनखड़ ने अपनी शिक्षा राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से पूरी की है। ये जाट समुदाय से आते हैं। इनको राज्यपाल बनाकर मोदी सरकार ने राजस्थान में जाट समुदाय को साधने की कोशिश की गई है। धनखड़ सुप्रीम कोर्ट के वकील रह चुके हैं और नौवीं लोकसभा में 1989-91 तक सांसद रहे हैं।राजस्थान में जाट आरक्षण को बरकरार रखने में उनकी अहम भूमिका रही है।
जगदीप धनखड़ 1989 में लड़ चुके हैं लोकसभा चुनाव
मीडिया रिपोर्टर्स के अनुसार 1989 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने झुंझुंनूं से अपना प्रत्याशी उतारने की बजाय गठबंधन के तहत जनता दल प्रत्याशी जगदीप धनखड़ का समर्थन किया था। लेकिन जब 1991 में हुए लोकसभा चुनावों में जनता दल ने जगदीप धनखड़ का टिकट काट दिया तो वह पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए।
किशनगढ़ के विधायक रह चुके हैं जगदीप धनखड़
धनखड़ अजमेर जिले किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रह चुके हैं। जाटों को ओबीसी दर्जा दिलाने के लिए धनखड़ ने काफी प्रयास किये। वह विभिन्न सामाजिक संगठनों से भी जुड़े रहे हैं। पश्चिम बंगाल में उनके सामने कानून का शासन बनाये रखने की बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि यही वह राज्य है जहां देश में सर्वाधिक राजनीतिक हिंसा होती है। साथ ही भाजपा सरकार ने धनखड़ को राज्यपाल बनाकर जाट समुदाय को भी लुभाने का प्रयास किया है।