Vijay Singh Gurjar : दिल्ली पुलिस कांस्टेबल से बने IPS, कभी सुबह 4 बजे उठकर खेत में करते थे लावणी
झुंझुनूं। आईपीएस विजय सिंह गुर्जर ...। यह नाम संघर्ष, मेहनत और कामयाबी की मिसाल है। बुलंद हौसलों के दम पर ऊंची उड़ान भरने और सफलता की सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़ने वाले विजय सिंह गुर्जर राजस्थान के झुंझुनूं जिले में नवलगढ़ -उदयपुरवाटी मार्ग पर स्थित गांव देवीपुरा के रहने वाले हैं।
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छोटे से गांव देवीपुरा के लक्ष्मण सिंह के बेटे विजय सिंह गुर्जर ने वो कमाल कर दिखाया, जो आस-पास के गांवों में कोई नहीं कर सका। अमूमन लोग एक बार सरकारी नौकरी लगने के बाद उसी में जिंदगी खपा देते हैं, मगर इस मामले में विजय सिंह गुर्जर की कहानी सबसे जुदा और प्रेरणादायी है।
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भावनगर में मिली है पोस्टिंग
वन इंडिया हिंदी से खास बातचीत में विजय सिंह गुर्जर ने बताया कि वे एक बार नहीं बल्कि छह बार सरकारी नौकरी लग चुके हैं। दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल से आईपीएस बनने तक का सफर तय कर लिया, मगर सिलसिला अभी भी नहीं रुका। अब ये आईएएस बनने की तैयारी कर रहे हैं। गुजरात कैडर के आईपीएस विजय सिंह गुर्जर का हैदराबाद स्थित पुलिस अकेडमी में प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। इन्हें गुजरात के भावनगर में पोस्टिंग दी गई है। फिलहाल गांधीनगर में लॉ संबंधी एक माह के प्रशिक्षण पर हैं।
दिल्ली पुलिस और आयकर में भी सेवाएं
33 वर्षीय विजय सिंह गुर्जर शादीशुदा हैं। ये सबसे पहले वर्ष जून 2010 में दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल लगे। सरकारी नौकरी लगने के बाद ही तैयारी जारी रखी और छह माह बाद ही दिसम्बर 2010 में दिल्ली पुलिस में ही सब इंस्पेक्टर बनने में सफल रहे। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी फिर भी जारी रही और दो साल बाद जनवरी 2013 में विजय गुर्जर का चयन सेंट्रल एक्साइज में इंस्पेक्टर के पद पर हो गया तो केरल के तिरुवनंतपुरम में सालभर रहे और फरवरी 2014 में आयकर विभाग दिल्ली में इंस्पेक्टर बन गए। सिविल सर्विसेस में चयन होने तक यहां पर सेवाएं दी।
आईपीएस से पहले आरएएस में भी हुआ चयन
वर्तमान में बतौर गुजरात कैडर आईपीएस अफसर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे विजय राजस्थान प्रशासन सेवा (आरएएस) में भी चयनित हो चुके हैं। आएएस परीक्षा 2013 में इन्होंने 556वीं रैंक और आरएएस परीक्षा 2016 में 456वीं रैंक प्राप्त की। विजय गुर्जर का लक्ष्य आईएएस बनने का था। इसलिए उन्होंने बतौर आरएएस ज्वाइन करने की बजाय अपनी सिविल सर्विसेस की तैयारी जारी रखी। सिविल सर्विसेस 2013, 2014 और 2015 में प्रारम्भिक परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाए। फिर 2016 में सिविल सर्विसेस की फाइनल लिस्ट तक पहुंच सके। चार के असफलत प्रयास भी विजय की हिम्मत नहीं तोड़ पाए। पांचवें प्रयास में साल 2017 में यूपीएससी की परीक्षा में 574वीं रैंक हासिल की।
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आईपीएस विजय सिंह गुर्जर की शिक्षा
विजय सिंह गुर्जर बताते हैं कि उनकी शिक्षा हिंदी माध्यम से हुई। गांव देवीपुरा के निजी स्कूल से दसवीं कक्षा द्वितीय श्रेणी से 54.5 प्रतिशत और 12वीं कक्षा प्रथम श्रेणी से 67.23 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण की। इसके बाद राजकीय संस्कृत आचार्य कॉलेज चिराना से संस्कृत संकाय में 54.5 प्रतिशत अंकों के साथ ग्रेजुएशन की।
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आईपीएस विजय सिंह गुर्जर का सफलता का राज
विजय सिंह गुर्जर बताते हैं कि वे किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। परिवार में कोई ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं है। मैं खुद औसत विद्यार्थी रहा हूं। 2010 में दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल पद पर लगा तो मुझे लगा कि अब मुझे दिल्ली पुलिस में इंस्पेक्टर पद के लिए तैयारी शुरू करनी चाहिए, जिससे मैं सफल रहा। तब एक ही बात समझ आई कि व्यक्ति सही लक्ष्य तय करके मेहनत करे तो आगे जरूर बढ़ सकता है। मेरे इसी मूलमंत्र ने मुझे आईपीएस तक पहुंचा दिया।
आईपीएस विजय सिंह गुर्जर का परिवार
वर्ष 1987 में देवीपुरा गांव के किसान लक्ष्मण सिंह व चंदा देवी के घर पैदा हुए विजय सिंह गुर्जर पांच भाई बहनों में तीसरे नंबर के है। इनके छोटे भाई अजय गुर्जर पड़ोस के गांव लोहार्गल में पटवारी के पद पर तैनात हैं। तीन बहन सुमित्रा, मैनावती व प्रियंका है। विजय सिंह गुर्जर की शादी वर्ष 2015 में सीकर के गांव भादवासी की सुनिता के साथ हुई है। सुनिता फिलहाल यूपीएससी की तैयारी कर रही हैं।
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