भारतीय सेना के युद्धाभ्यास में T-90 टैंक का बैरल फटने से एक फौजी शहीद, दूसरा गंभीर
पोखरण। दुश्मन को ताकत दिखाने के लिए सरहदी जिलों बाड़मेर-जैसलमेर में चल रहे भारतीय सेना के युद्धाभ्यास में एक टैंक को लोड करते समय हादसा हो गया। इस हादसे में सेना के एक जवान की जान चली गई, जबकि एक अन्य घायल हो गया। यह हादसा पोखरण क्षेत्र के फलसुंड गांव के पास हुआ। जिसकी पुष्टि फलसुंड थाना प्रभारी देवकिशन ने की है। देवकिशन ने बताया कि टैंक को लोड करते समय हुए हादसे में जवान परमेश्वर यादव की मौत हो गई। जबकि, घायल जवान आरडी दीक्षित को जोधपुर रेफर किया गया है।
ऑपरेशन सुदर्शन चक्र में 40 हजार जवानों ने लिया हिस्सा
भारतीय थल सेना की सबसे ताकतवर माने जाने वाली 21 स्ट्राइक कोर (सुदर्शन चक्र) ने रात में दुश्मन पर धावा बोलने का युद्धाभ्यास किया है। इस युद्धाभ्यास में 40 हजार जवानों ने हिस्सा लिया। यह युद्धाभ्यास 13 नवंबर को शुरू हुआ, जिसमें जवानों ने लगातार 12 घंटों तक युद्ध करने का अपना कौशल दिखाया। एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि, सरहदी जिले बाड़मेर में ऑपरेशन सुदर्शन चक्र से पाक को चेतावनी दी गई है। दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों को महज चंद मिनटों में नेस्तनाबूद कर दिया गया।
पहली बार शूटर ग्रिड सेंसर का प्रयोग किया गया
युद्धाभ्यास 'सिंधु सुदर्शन' के इस 7वें फेज में पहली बार शूटर ग्रिड सेंसर का प्रयोग किया गया। पिछले 3 महीनों से पोकरण क्षेत्र के आसपास भारतीय सेना युद्धाभ्यास में फायर पाॅवर का सयुंक्त अभ्यास कर रही थी, लेकिन अब यह युद्धाभ्यास पाकिस्तान से सटे बाड़मेर में हुआ है। इस दौरान 300 से ज्यादा टैंकों और अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों का प्रयोग किया गया। वायु सेना ने अपनी ताकत दिखाने के लिए जोधपुर एयरबेस से लड़ाकू विमान उड़ाकर चंद मिनटों में दुश्मन काल्पनिक ठिकानों को नष्ट किया।
450 युद्धक टैंक, तोपों और रुद्र से की डीप स्ट्राइक
रक्षा प्रवक्ता कर्नल सोंबित घोष के मुताबिक, वायुसेना ने ठिकानों को नष्ट करने के लिए सुखोई, मिग, जगुआर और रूद्र आदि विमानों का प्रयोग किया। वहीं, थलसेना ने टी-90 टैंकों, बीएमपी के साथ स्वदेश निर्मित K-9 वर्जा गन और 130 एमएम गन, 105 एमएम गन आदि के माध्यम से अपनी मारक क्षमता साबित की। एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर रूद्र का भी प्रदर्शन हुआ।
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