Indian Navy Day 2020 : जानिए देश की पहली महिला शहीद ले. किरण शेखावत के परिवार की सबसे बड़ी पीड़ा
देश की पहली महिला शहीद ले. किरण शेखावत के परिवार की सबसे बड़ी पीड़ा
झुंझुनूं। 'शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मिटने वालों का यही बाकी निशां होगा'। मगर, यह विडम्बना है कि देश की पहली महिला शहीद अफसर ले. किरण शेखावत की याद में उनके स्टेट राजस्थान में कुछ भी नहीं है। किरण शेखावत की शहादत को पांच साल हो गए। फिर भी अब तक कई घोषणाएं अधूरी पड़ी हैं।
शहीद किरण शेखावत के पिता का साक्षात्कार
4 दिसम्बर को भारतीय नौसेना दिवस 2020 (Indian Navy Day 2020) के मौके पर बहादुर नौसैनिक शहीद ले. शहीद किरण शेखावत (lt. Kiran shekhawat) के पिता विजेंद्र सिंह शेखावत ने वन इंडिया हिंदी से खास बातचीत में बयां किया बेटी किरण शेखावत के जन्म से लेकर उनकी शहादत तक का पूरा सफर और बताया परिवार को पीड़ा देतीं अधूरी सरकारी घोषणाओं के बारे में।
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राजस्थान के गांव सेफरागुवार में जन्मी थीं शहीद किरण शेखावत
राजस्थान के झुंझुनूं जिले की खेतड़ी तहसील के गांव सेफरागुवार निवासी रिटायर्ड नौसैनिक विजेंद्र सिंह शेखावत व मधु चौहान के घर एक बेटे संदीप शेखावत के बाद 1 मई 1988 को बेटी किरण शेखावत का जन्म हुआ था। पिता की पोस्टिंग के कारण किरण शेखावत की शुरुआती पढ़ाई विशाखापटनम समेत देश की कई केन्द्रीय विद्यालयों से हुई। आंध्रा विश्वविद्यालय से विज्ञान संकाय में स्नातक किया। किरण शेखावत की जापानी भाषा पर भी अच्छी पकड़ थी, क्याोंकि उन्होंने साढ़े तीन साल तक टोक्यो स्थित जापान इंटरनेशनल स्कूल से भी पढ़ाई की थी।
किरण शेखावत ने 22 साल की उम्र में ज्वाइन की इंडियन नेवी
विजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि किरण शेखावत ने 5 जुलाई 2010 को महज 22 साल की उम्र में भारतीय नौसेना ज्वाइन की थी। 10 फरवरी 2012 को ट्रेनिंग पूरी करने के साथ ही किरण शेखावत ने विशाखापत्तनम में INAS 311, INS देवगा और गोवा में INS 310, INS हंसा के स्टाफ ऑब्जर्वर के रूप में दो ऑपरेशनल कार्यकाल भी पूरे किए। गोवा में डोर्नियर निगरानी विमान हादसे में किरण शेखावत 26 मार्च 2015 को शहीद हो गई थीं।
शहीद किरण शेखावत के परिवार की पहली पीड़ा
विजेंद्र सिंह शेखावत बताते हैं कि बेटी के शहीद होने के तीन चार दिन बाद पैतृक गांव सेफरागुवार में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया था। उसमें तत्कालीन झुंझुनूं सांसद संतोष अहलावत ने भी शिरकत की थीं। किरण शेखावत के परिवार की मांग पर सांसद अहलावत ने उस वक्त घोषणा की थी कि सेफरागुवार के एक सरकारी स्कूल का नाम शहीद किरण शेखावत पर होगा। कुछ दिन बाद सेफरागुवार के राजकीय प्राथमिक स्कूल का नाम किरण शेखावत के नाम पर रखे जाने की प्रक्रिया शुरू हुई, जो आज तक पूरी नहीं।
राज्य सरकार को लिखूंगी पत्र-संतोष अहलावत
झुंझुनूं की पूर्व सांसद संतोष अहलावत ने बताया कि वर्ष 2015 में उनके प्रयासों से सेफरागुवार की एक सरकारी स्कूल का नाम शहीद किरण शेखावत के नाम पर रखे जाने की प्रक्रिया शुरू करवाई थी। उसके बाद में पता नहीं कि नाम बदला गया या नहीं। ना ही किरण शेखावत के परिवार ने उनसे दुबारा सम्पर्क किया। अगर नाम अभी तक नहीं बदला गया है तो वे अब राजस्थान सरकार को देश ही पहली शहीद बेटी के सम्मान में स्कूल का नाम बदलने के लिए फिर से पत्र लिखेंगी।
शहीद किरण शेखावत के परिवार की दूसरी पीड़ा
विजेंद्र सिंह शेखावत की दूसरी पीड़ा यह है कि गांव सेफरागुवार के सरकारी स्कूल का नाम शहीद किरण शेखावत के नाम पर रखे जाने की मुहिम कोई रंग लाती नहीं दिखी तो वर्ष 2018 में शहीद बेटी की याद में हुए एक कार्यक्रम में झुंझुनूं जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव से फिर गुहार लगाई। इस बार किरण शेखावत के परिवार को आश्वासन मिला कि शहीद बेटी के नाम पर गांव में स्मारक बनाया जाएगा। इसके लिए सेफरागुवार की कन्या पाठशाला के खेल मैदान का नाम बदलने की प्रक्रिया शुरू हुई। खेतड़ी उपखंड अधिकारी उच्च अधिकारियों को दस्तावेज भी भेजे, मगर यह मांग भी आज तक अधूरी है।
शहीद किरण शेखावत के नाम पर हरियाणा में पार्क व सड़क
देश में ऑन ड्यूटी शहीद होने वाली पहली महिला अफसर ले. किरण शेखावत की याद में उनके पैतृक गांव राजस्थान के सेफरागुवार में भले ही कुछ भी नहीं हो, मगर उनके ससुराल हरियाणा के मेवात इलाके के गांव कुरथला में शहीद पार्क बना हुआ है। हरियाणा सरकार ने कुरथला में दो एकड़ जमीन उपलब्ध करवाई, जिस पर शहीद किरण शेखावत की याद में पार्क बनाया गया है। तत्कालीन विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने 1 अक्टूबर 2016 को शहीद पार्क में किरण शेखावत की प्रतिमा का अनावरण किया। इसके अलावा कुरथला गांव के करीब सात किलोमीटर लंबे मार्ग का नाम शहीद लेफ्टिनेंट किरण शेखावत रखा गया है।
किरण शेखावत के पति विवेक छोकर भी नौसैनिक
बता दें कि किरण शेखावत की शादी 5 फरवरी 2013 को हरियाणा के नूह जिले के कुथरला गांव के विवेक छोकर से हुई थी। विवके छोकर भी भारतीय नौसना में लेफ्टिनेंट हैं। किरण के ससुर श्रीचंद भी भारतीय नौसेना में पदस्थ रह चुके हैं। वर्तमान में रिटायर्ड हैं। वहीं, किरण की सास सुनीता देवी अपने गांव की सरपंच रह चुकी हैं। किरण की जेठानी राजश्री कोस्ट गार्ड की सर्वप्रथम वुमेन पायलट हैं। नागौर निवासी राजश्री ने किरण शेखावत के शहीद हो जाने पर उसने अंतिम संस्कार के समय उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया था, जिसे राजश्री अपनी सर्विस का सबसे मुश्किल सैल्यूट मानती हैं।
गोवा में विमान हादसे में शहीद हुई थीं किरण
गोवा विमान हादसे को देश कभी नहीं भूल पाएगा। इसमें देश ने भारतीय नौसेना के दो बहादुर अफसरों को खोया था। एक लेफ्टिनेंट किरण शेखावत और दूसरे अभिनव नागौरी। शहीद नागौरी भी राजस्थान के ही रहने वाले थे। 24 मार्च 2015 की रात को गोवा में भारतीय नौसेना का डोर्नियर निगरानी विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें किरण शेखावत व अभिनव नागौरी सवार थे। हादसे के बाद विमान लापता हो गया था। सर्च ऑपरेशन चलाना पड़ा था, जिसमें 26 मार्च को इनकी देह मिली थी। 29 मार्च 2015 को 26 वर्षीय किरण शेखावत का उनका ससुराल कुथरला में अंतिम संस्कार किया गया। चिता को मुखाग्नि उनके पति विवेक छोकर ने दी थी।
किरण शेखावत की उपलब्धियां
बता दें कि किरण शेखावत ने भारतीय नौसेना की अन्य महिला अधिकारियों की तुलना में सबसे अधिक 750 घंटे सफल विमान उड़ानों का अनुभव प्राप्त किया था। 26 जनवरी 2015 के गणतंत्र दिवस समारोह में किरण शेखावत ने राजपथ पर महिला नौसना टुकड़ी का नेतृत्व भी किया था।-इससे पहले वर्ष 2013 में सिंगापुर में रिपब्लिक ऑफ सिंगापुर नेवी के साथ आयोजित सिंगापुर इंडियन मैरीटाइम द्विपक्षीय अभ्यास में भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व भी कर चुकी थीं।
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