भारतीय सेना ने दागे अमेरिका से मिलीं तोपों से गोले, जानिए क्यों बोफोर्स की जगह तैनात होंगी ये
जैसलमेर. भारतीय सेना ने राजस्थान की पोकरण फायरिंग रेंज में अत्याधुनिक तोपों का परीक्षण किया है। ये तोपें भारत के पास पहले से मौजूद बोफोर्स तोपों की तुलना में काफी ताकतवर हैं। अमेरिका से इन तोपों को खरीदा गया है। ये तोपें अमेरिकन अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर गन 155 एम 777 के ए-2 एडवांस वर्जन की हैं। सैन्य सूत्रों के मुताबिक, भारतीय थलसेना को मंत्रालय से छह नई तोप मिली हैं, जो कि हाल ही अमेरिका से मिली हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि करीब तीन दशक पश्चात् थलसेना को ऐसी उच्च स्तरीय तोपें हासिल हुई हैं। अधिकारियों का कहना है कि इन तोपों के शामिल होने से भारतीय सेना की मारक क्षमता काफी बढ़ जाएगी।
लद्दाख
व
अरुणाचल
में
आएंगी
काम
हॉवित्जर
अमेरिकी
तोपों
का
बड़ा
ब्रांड
हैं।
अमेरिकन
अल्ट्रा
लाइट
हॉवित्जर
गन
155
एम
777
के
ए-2
एडवांस
वर्जन
की
खासियते
ये
है
कि
ये
अपने
अब
तक
की
तोपों
में
सबसे
घातक
हैं।
ये
हल्की
होने
के
कारण
उठाकर
या
फील्ड
कर
कहीं
भी
ले
जाई
जा
सकती
हैं।
इन्हें
हेलिकॉप्टर
के
जरिये
या
अन्य
किसी
साधनों
से
एक
स्थान
से
दूसरे
स्थानों
पर
रखा
जा
सका
है।
पिछले
दिनों
कहा
गया
था
कि
इन
अमेरिकी
तोपों
को
जम्मू-कश्मीर
के
लेह
लद्दाख
व
अरुणाचल
प्रदेश
के
16
हजार
फीट
से
भी
ऊंचे
पहाड़ी
क्षेत्रों
में
भेजा
जाएगा।
वहां
इन्हें
हेलिकॉप्टर
के
जरिए
ऊंचे
स्थानों
पर
ले
जाया
जा
सकेगा।
नए
समझौते
के
तहत
कुछ
और
तोप
भी
अमेरिका
से
लाई
जाएंगी।
बाकी
तोपों
का
देश
में
ही
निर्माण
किया
जाएगा।
दुर्गम
इलाकों
में
छिपे
दुश्मन
होंगे
निशाने
पर
सेना
के
आर्टिलरी
से
जुड़े
सूत्रों
के
मुताबिक,
डीजी
आर्टिलरी
व
अमेरिकी
एक्स
केलिबर
की
मौजूदगी
में
इन
गनों
की
इंटीग्रेटेड
फायरिंग
केपेबिलिटी
को
जांचा
परखा
जा
रहा
है।
पोकरण
फायरिंग
रेंज
में
इन
गनों
की
फायरिंग
क्षमता
को
लेकर
सेना
के
अधिकारियों
में
लगातार
बातचीत
हो
रही
हैं।
K9
वज्र
और
M777
होवित्जर
तोपों
के
कई
वर्जनों
को
सेना
में
भी
शामिल
किया
जा
चुका
है।
वर्ष
2018
में
सेना
के
बेड़े
में
'के
9
वज्र
(कोरियन)
और
एम
777
होवित्जर
(अमेरिकन)'
तोप
शामिल
हुईं।
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