मां की हत्या के बाद पिता, दादा व दादी को उम्रकैद, कोर्ट परिसर में रोते रहे 3 अनाथ मासूम, देखें वीडियो
Bharatpur News , भरतपुर। राजस्थान के भरतपुर में न्यायालय अतिरिक्त सत्र महिला उत्पीड़न प्रकरण कोर्ट के फैसले के बाद तीन मासूम भाई-बहन अनाथ हो गए और अपने पिता, दादा व् दादी के आजीवन कारावास की सजा के बाद वे कोर्ट में ही रोने बिलखने लगे, लेकिन उनके आंसू पौंछने वाला कोई नहीं रहा।
इन मासूमों की मां की मौत हो गई थी, जिसकी दहेज हत्या के आरोप में उनके पिता, दादा और दादी को कोर्ट ने सुनवाई करते हुए उनको आजीवन कारावास की सजा सुनाई और सेंट्रल जेल सेवर भेज दिया। दरअसल, 26 जनवरी 2015 को उत्तर प्रदेश के मथुरा निवासी नेत्रपाल ने सेवर थाने में मामला दर्ज कराया कि उसकी पुत्री सुशीला की शादी सेवर थाना क्षेत्र में गोलपुरा निवासी नंदलाल के साथ 2009 में हुई थी।
शादी के बाद से ही उसका पति नंदलाल, ससुर फत्ते, सास कांता देवी एक लाख रुपए व मोटर साइकिल दहेज की मांग के लिए उसकी पुत्री के साथ मारपीट करते थे। दहेज की मांग के लिए उन्होंने उसकी पुत्री सुशीला की हत्या कर दी थी। जिस पर कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई करते हुए उसकी मृतक पुत्री सुशीला के पति नन्दलाल, ससुर फत्ते, सास कांता देवी को दहेज हत्या का आरोपी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
मृतका के तीन बच्चे हैं। निरमा, पूजा व बाबू की उम्र अभी दस साल से भी छोटी है। सजा के बाद इनके पिता, दादा व दादी को सजा हो गई। उन्हें जेल भेज दिया। मां की पहले ही मौत हो चुकी है। इसलिए अब बच्चों को पालने वाला कोई नहीं रहा। सजा होने के बाद बच्चों के पिता, दादा व दादी ने मीडिया से बातचीत में होते हुए कहा कि उनको सजा हो चुकी है। इसलिए अब घर में बच्चों को पालने वाला कोई नहीं रहा और अब बच्चों का रखवाला सिर्फ भगवान ही है। अपने पिता, दादा व दादी को जेल जाते देख अनाथ हुए बच्चे रोते बिलखते रहे। बाद में पुलिस ने इन बच्चों को बाल कल्याण समिति के हवाले कर दिया।