होली पर खाटूश्यामजी का 'खजाना' लूटने बड़ी संख्या में पहुंचे श्याम भक्त, जानिए क्या है यह परम्परा?
सीकर। देशभर में होली की धूम है। चहुंओर होली के रंग उड़ रहे हैं। हर जगह होली उल्लास से होली खेली जा रही है। एक-दूसरे को खुशियों के रंग लगाकर शुभकामनाएं दी जा रही हैं। इधर, राजस्थान के सीकर जिले के खाटू कस्बे में हजारों श्याम भक्त खाटूश्यामजी का खजाना लूटने पहुंचे हैं।
खाटूश्यामजी दरबार की होली
दरअसल, यह परम्परा है। बाबा श्याम दरबार में धुलंडी के मौके पर भक्त होली खेलकर उनसे सुख समृद्धि का आशीर्वाद लेते हैं। खाटूश्यामजी के फाल्गुनी 2020 में आए अनेक भक्त यहीं रुके हुए हैं, जो धूलंडी 10 मार्च को बाबा श्याम संग होली खेलकर लौटेंगे। खाटूश्यामजी परिसर में होली खेलने वाले श्याम भक्तों का उत्साह देखते बन रहा है। सुबह से यहां पर होली खेलने और बाबा श्याम का खजाना लूटने की भक्तों में होड़ सी मची हुई है।
श्याम भक्तों को धूलंडी का बेसब्री से इंतजार
बता दें कि बाबा श्याम के फाल्गुनी लक्खी मेले के समापन होने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों से आए श्याम भक्त धुलण्डी पर रंग गुलाल के साथ होली खेल रहे हैं। फाल्गुन लक्खी मेले के बाद श्याम भक्तों को धूलण्डी का इंतजार था। अनेक भक्त बाबा के दरबार में धूलण्डी खेलने के बाद विदा लेंगे। इनमें दूसरे प्रदेशों से आए भक्त बड़ी संख्या में शामिल हैं।
क्या है बाबा श्याम का खजाना लूटना
धूलंडी पर खाटू मंदिर परिसर में सुबह से श्याम भक्तों ने होली खेलना शुरू कर दी। अपराह्न तक श्याम भक्त खाटूश्यामजी में होली खेलते हैं। इसके बाद शाम चार बजे बाबा श्याम की विशेष फूलडोल आरती होगी। फूलडोल आरती के समय प्रवासी श्रद्घालुओं को बाबा के चढ़ावे से सिक्के प्रसाद के रूप में दिया जाएगा। इसी को बाबा श्याम का खजाना कहा जाता है, जिसे लेने (लूटने) के लिए भी भक्तों की भारी भीड़ लगती है। खाटूधाम में बाबा श्याम से मिले आशीर्वाद रूपी सिक्के को लोग अपने व्यापार में वृद्धि के लिए गल्लों व तिजोरियों में रखते हैं।
झीने पर्दे से बाबा श्याम के दर्शन
ब्रज की होली की तरह शेखावाटी के खाटूधाम में श्याम बाबा के संग इत्र गुलाल से खेली गई होली भी प्रसिद्घ है। बाबा श्याम के दरबार में होली खेलने के लिए देश के अनेक स्थानों से भारी तादात में श्याम भक्त आते हैं। धूलण्डी के दिन सबसे पहले सुबह चार बजे मंगला आरती के समय श्रद्धालु अपने परिवार के साथ बाबा श्याम के गुलाल से होली खेलने की शुरुआत करते हैं। इस दौरान श्याम की प्रतिमा के आगे झीना सा पर्दा लगाया जाता है। बाबा के साथ सबसे पहले होली खेलने वाला स्वयं को भाग्यशाली समझता है।
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