पाकिस्तान के हिंगलाज धाम से बाड़मेर लाए अखंड ज्योत, दोनों मुल्कों के बीच रोशन हुआ 'भाईचारा'
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Barmer News, बाड़मेर। भारत-पाकिस्तान के बीच लाख कटुता के बीच कभी-कभी सौहार्द की ऐसी ज्योत जलती है, जिससे दोनों देशों में बसे लोगों के बीच का भाईचारा रोशन होता नजर आता है। लगता है भारत व पाकिस्तान मुल्क भले ही आपस में बैर पाले हैं, मगर आम लोगों के दिलों में प्यार और विश्वास आज भी कायम है।
बाड़मेर के खत्री समाज ने दावा किया है कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित मां हिंगलाज शक्तिपीठ से खत्री समाज द्वारा अखंड ज्योत लाई गई और बाड़मेर के नरगासर स्थित मां हिंगलाज के नवनिर्मित मंदिर की ज्योति में अखंड ज्योत का समावेश करने के साथ मूर्ति विराजमान एवं प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के साथ विभिन्न कार्यक्रम किया गया है।
हिंगलाज मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी कन्हैयालाल डलोरा ने बताया कि बलूचिस्तान स्थित मां हिंगलाज के दर्शनों के लिए भारत के लोगों की प्रबल इच्छा है। ऐसे में खत्री समाज ने तय किया और मां हिंगलाज के ज्योति स्वरूप को यहां सुरक्षित लाया गया और बाड़मेर के मंदिर में इस अखंड ज्योत को स्थापित कर मूर्ति प्रतिष्ठा भी सम्पन्न हुई।
अन्य प्रदेशों में भी मां हिंगलाज के भक्त
वहीं भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं राजसभा के पूर्व सदस्य तरुण विजय ने कहा कि जैसे कैलाश मानसरोवर की यात्रा होती है, उसी तरह पाक के बलूचिस्तान तक हिंगलाज माता यात्रा भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान समेत देश के अन्य प्रदेशों में भी मां हिंगलाज के भक्त हैं। यहां से रेल सेवा का विस्तार होना चाहिए, जिससे लोग हिंगलाज दर्शन को जा सके। इससे दोनों देशों के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। समाज के राजेन्द्र खत्री ने बताया कि बलूचिस्तान स्थित मां हिंगलाज के दर्शनों के लिए कई लोग इच्छुक हैं लेकिन, हर किसी के लिए ये संभव नहीं है। पाक के बलूचिस्तान स्थित हिंगलाज मंदिर से ज्योत लाई गई और बाड़मेर में निर्मित मंदिर में प्रतिष्ठित की गई। इससे मां हिंगलाज के भक्तों में काफी उत्साह है और राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों के लोगों को बाड़मेर में मां हिंगलाज के ज्योतिस्वरूप के दर्शनों का लाभ मिलेगा। इससे मां के भक्तों में काफी खुशी और उत्साह का माहौल है।
हिंगलाज कोर्डिनोर संभव नहीं-Manvendra singh
पूर्व सांसद, विधायक व कांग्रेस नेता मानवेन्द्रसिंह जसोल ने बताया कि मां हिंगलाज के लाखों भक्त भारत के राजस्थान, बंगाल, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश समेत कई इलाकों में निवास करते हैं, जो किसी कारणवश बलूचिस्तान जाने में सक्षम नहीं हैं। उन्हें इस मंदिर के माध्यम से दर्शनों का लाभ मिलेगा। हिंगलाज कोर्डिनोर के सवाल पर जसोल ने कहा कि हिंगलाज कोर्डिनोर संभव नहीं है। हमारा प्रयास है कि हिंगलाज को भी धार्मिक स्थान में जोड़ा जाए। क्योंकि धार्मिक स्थानों को लेकर भारत व पाक में जो समझौता है, उसमें धार्मिक स्थानों संख्या बहुत कम है। थार एक्सप्रेस कराची तक सीमित है। लेकिन, कराची से आगे को बस व्यवस्था, वाहन व्यवस्था सुनिश्चित हो ताकि आस्था की यात्रा सुगम हो सके।
कई नामों से जानी जाती है हिंगलाज माता (hinglaj Mata History in Hindi)
हिंगलाज माता मन्दिर, जिसे हिंगलाज देवी, हिंगुला देवी तथा नानी मन्दिर के नामों से भी जाना जाता है, पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हिंगोल नदी के तट पर ल्यारी तहसील के मकरान के तटीय क्षेत्र में हिंगलाज में स्थित एक हिन्दू मंदिर है। यह हिन्दू देवी सती को समर्पित इक्यावन शक्तिपीठ में से एक माना जाता है। पिछले तीन दशकों में इस जगह ने काफी लोकप्रियता पाई है और यह पाकिस्तान के कई हिंदू समुदायों के बीच आस्था का एक एकीकृत बिंदु बना हुआ है।
इसी मंदिर कि ज्योति को बाड़मेर मे लाया गया और मंदिर मे विराजित किया गया है। ऐसा मंदिर समिति का कहना है।इससे पूर्व वर्ष 2002 में तत्कालीन विदेश मंत्री जसवंत सिंह अपनी कुलदेवी हिंगलाज माता के पाकिस्तान स्थित मंदिर में दर्शन करने धार्मिक यात्रा पर एक जत्थे के साथ मुनाबाव खोखरापार सड़क मार्ग से पाकिस्तान गए थे। तब से ही यहाँ के लोगो की आस्था मे लगातार वृद्धि हुई और बलूचिस्तान स्थित मां हिंगलाज के लिए विशेष यात्रा व यात्रा सुगमता के लिए भक्तों की मांग जारी है।