शहीद विकास प्रजापत: तिरंगे में लिपककर घर आया 23 साल का बहादुर बेटा, कोई नहीं रोक सका आंसू
हनुमानगढ़। राजस्थान के हनुमानगढ़ भादरा इलाके के गांव जोगीवाला का 23 साल का बहादुर फौजी बेटा तिरंगे में लिपटकर घर पहुंचा। गमगीन माहौल में राजकीय सम्मान से उन्हें अंतिम विदाई दी गई।
जानकारी के अनुसार भारतीय सेना की 322 बटालियन के जवान विकास प्रजापत को जोगीवाला गांव में गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई दी गई। विकास सेना में जेसीओ के ड्राइवर पद पर कार्यरत थे। उनकी मौत ड्यूटी के दौरान दिल का दौरा पड़ने से हुई है।
JAIPUR : इंजीनियरिंग छात्र गौरव सोनी लोगों को बांट रहा था 'स्वर्ग का टिकट', जानिए कौन थे खरीददार
बता दें कि विकास इन दिनों सेना की मेरठ छावनी में तैनात थे। शिवरात्रि के दिन ड्यूटी के दौरान दिल का दौरा पड़ने से मेरठ में उनकी मौत हो गई थी। पैतृक गांव जोगीवाला में रविवार को उनकी शव यात्रा निकाली गई, जिसमें क्षेत्र के अनेक जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों व शहर के लोगों ने हिस्सा लिया। उनकी बटालियन के 10 जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया। दो वर्ष पहले विकास भारतीय सेना की 322 बटालियन में ड्राइवर के पद पर भर्ती हुए थे।
वर्तमान में विकास कुमार मेरठ छावनी में अपनी बटालियन में जेसीओ का ड्राइवर पद पर कार्यरत थे। शिवरात्रि की शाम को छावनी में ही वह अपने घर खाना खाने गए। जब वे वापस अपने अधिकारियों को शिवरात्रि कार्यक्रम के दर्शन करवाने के लिए ड्यूटी पर जा रहा थे तो उसी समय उसे हृदय घात हुआ और वह गिर गए। सिर में चोट भी आईं। छावनी के आर्मी हॉस्पीटल ले जाया गया। डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
Rajasthan : दूध निकालने के दौरान महिला पर गिरी भैंस, 5 मिनट में भैंस ने तोड़ दिया दम, VIDEO
रविवार सुबह विकास का पार्थिव शव गांव जोगी वाला में उनके पैतृक घर पर लाया गया तो पूरे गांव में मातम छा गया। अंतिम संस्कार में उनकी बटालियन के दस जवानों ने हवा में राउंड फायर कर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। शव यात्रा में उपखंड अधिकारी मुकेश बारेठ, डीएसपी राजीव परिहार के अलावा जोगी वाला गांव के पूर्व सरपंच शेरसिंह गोस्वामी, खचवाना के बंशीलाल बैनीवाल, बलवीर दायमा समेत गांव के लोग शामिल हुए।