पिता-पुत्र और पति-पत्नी एक साथ लड़ रहे चुनाव, मध्यप्रदेश से राजस्थान तक हो रही इनकी चर्चा
New Delhi नई दिल्ली। देश में इन दिनों चुनावी बयार बह रही है। हर तरफ चुनावी चर्चाएं जोरों पर हैं। कहीं हार-जीत के अंतर का गणित लगाया जा रहा है तो कहीं प्रत्याशियों के चयन को लेकर बातें हो रही हैं।
आइए जानते हैं 4 ऐसे प्रत्याशियों के बारे में, जिनकी इस बार के चुनाव में मौजदूगी सबसे हटकर है। इसकी वजह यह है कि एक तरफ पिता-पुत्र की जोड़ी तो दूसरी ओर पति-पत्नी की जोड़ी एक साथ चुनावी मैदान में है। 2019 के चुनाव में रिश्तों का गजब संयोग राजस्थान से लेकर मध्यप्रदेश तक में चर्चा का विषय बना हुआ है।
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पति-पत्नी : राजस्थान में पंकज चौधरी-मुकुल चौधरी
लोकसभा चुनाव 2019 के मैदान में राजस्थान के पूर्व आईपीएस पंकज चौधरी (IPS pankaj Chaudhary) और उनकी पत्नी मुकुल चौधरी (Mukul Chaudhary) भी भाग्य आजमा रहे हैं। दोनों को बसपा ने टिकट दिया है। पंकज चौधरी को बाड़मेर-जैलसमेर सीट और मुकुल पंकज चौधरी को जोधपुर सीट से लोकसभा चुनाव के मैदान में उतारा गया है। दोनों ने अपने-अपने लोकसभा क्षेत्र से नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिया है। राजस्थान में संभवतया यह पहला मौका है जब एक ही पार्टी की टिकट से पति-पत्नी चुनाव लड़ रहे हो।
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चौधरी दम्पती इस वजह से रहा सुर्खियों में
राजस्थान में पंकज चौधरी और मुकुल चौधरी का नाम अक्सर चर्चा में रहा है। पंकज चौधरी ने बाड़मेर-जैसलमेर जिले में एसपी रहते हुए गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट खोली थी। इस मामले की गूंज राजस्थान विधानसभा तक में सुनाई दी थी। इसके अलावा पंकज चौधरी को पुलिस सेवा से बर्खास्त किए जाने का मामला भी सुर्खियों में रहा। इधर, मुकुल चौधरी ने राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सामने उनके ही विधानसभा क्षेत्र झालरापाटन से चुनाव लड़ने का ऐलान करके खूब सुर्खियां बटौरी थीं, हालांकि बाद में चुनाव नहीं लड़ा।
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पिता-पुत्र : मध्य प्रदेश में कमलनाथ-नकुल नाथ
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (kamalnath)अपने बेटे नकुल नाथ के साथ इस बार चुनाव के मैदान में उतरे हैं, हालांकि खुद कमलनाथ विधानसभा का उप चुनाव लड़ रहे हैं और बेटा नकुल लोकसभा चुनाव में भाग्य आजमा रहा है, मगर दोनों की पार्टी कांग्रेस और चुनावी क्षेत्र छिंदवाड़ा है। मंगलवार दोपहर को अपने हजारों समर्थकों के साथ आए कमलनाथ और नकुल नाथ ने निर्वाचन कार्यालय में पहुंचकर नामांकन पत्र दाखिल किया। इसके बाद रोड शो कर समर्थकों की सभा को सम्बोधित किया।
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कांग्रेस का गढ़ है छिंदवाड़ा
छिंदवाड़ा जिला कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। शायद यही वजह है कि वर्ष 1980 से कमलनाथ यहां जीत दर्ज करते आ रहे हैं। भाजपा के सामने कमलनाथ के गढ़ को ढहाने की चुनौती है। इसलिए भाजपा ने ऐडी-चोटी तक का जोर लगा रहा है। भाजपा ने विधानसभा उप चुनाव में कमलनाथ के सामने विवेक साहू और लोकसभा चुनाव में नकुलनाथ (Nakulnath) के सामने नत्थन शाह कवरेती को मैदान में उतारा है।