जिसकी हत्या के आरोप में 2 सगे भाई जेल में, पत्नी ने कर ली दूसरी शादी, वो शख्स 6 माह बाद जिंदा लौटा
डूंगरपुर। राजस्थान के डूंगरगढ़ में हर किसी को चौंका देने वाला मामला सामने आया है। दो सगे भाई जिस तीसरे भाई की हत्या के मामले में बीते छह माह से जेल में सजा भुगत रहे थे। उसकी पत्नी ने दूसरी शादी तक कर ली। वो शख्स अब जिंदा लौट आया, मगर सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिसका अंतिम संस्कार किया गया वो कौन था?
दिसम्बर 2019 को गया था गुजरात
दरअसल, हुआ यूं कि राजस्थान के डूंगरपुर के धम्बोला थाना इलाके के खेरपेड़ा का ईश्वर कुमार दिसंबर 2019 में गुजरात के जूनागढ़ मजदूरी के लिए गया था। मोबाइल न होने और घरवालों का नंबर याद नहीं होने के कारण वह किसी से भी संपर्क नहीं कर पाया था। इसके बाद गुजरात के इसरी पुलिस थाना क्षेत्र के मोरीगांव के पास 6 फरवरी 2020 को जंगल में एक युवक का शव मिला था। शव पुराना और सड़ा गला होने के कारण फूल गया था।
शव के पैर में नहीं थी रॉड
पुलिस की तफ्तीश में युवक के शव का कनेक्शन खेरपेड़ा से निकला। ईश्वर की पत्नी सीमा, साले और ससुर ने इसकी झूठी शिनाख्त खेरपेड़ा निवासी ईश्वर पुत्र खातू मनात के रूप में कर दी। दूसरी तरफ, ईश्वर के भाइयों और परिजनों ने पुलिस को बताया कि यह शव उनके भाई का नहीं है। इसके बावजूद पुलिस ने जबरन उस शव को ईश्वर के भाई और अन्य परिजनों को थमा दिया। परिजनों ने पुलिस को यह भी बताया कि ईश्वर के एक पैर में रॉड डली हुई थी, जबकि इस शव के पैर में रॉड नहीं है। लिहाजा यह ईश्वर नहीं है, लेकिन पुलिस ने ईश्वर की पत्नी की बात का सही मानते हुए जबरन शव उसके परिजनों को सौंप दिया।
फ्रेंडशिप
डे
पर
मिलिए
उन
3
जिगरी
दोस्तों
से,
जो
एक
साथ
बने
IAS
अधिकारी,
बेहद
रोचक
है
तीनों
की
स्टोरी
ईश्वर के परिजन शव ले तो आए, लेकिन उन्हें विश्वास था कि उनका बेटा वापस आएगा। लिहाजा, उन्होंने शव को जलाने की बजाय उसे गाड़ दिया, ताकि भविष्य में कोई जांच-पड़ताल हो तो उसके अवशेषों को प्राप्त किया जा सके। वहीं, ईश्वर की पत्नी ने अपने जेठ प्रकाश और देवर पारस के खिलाफ रिपोर्ट देकर अपने पति की हत्या का आरोप लगा दिया। इस पर गुजरात पुलिस ने प्रकाश और पारस को ईश्वर की हत्या मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वे तब से जेल में हैं। बताया जा रहा है कि उसके बाद ईश्वर की पत्नी ने दूसरी शादी भी कर ली।
25 जुलाई को अचानक घर लौटा ईश्वर
इस पूरी घटना के बाद पांच दिन पहले 25 जुलाई को ईश्वर अचानक घर लौटा। तब उसे पता चला कि उसकी हत्या के जुर्म में उसके ही सगे भाई गुजरात की मोडासा जेल में बंद हैं। अब पीड़ित ईश्वर और उसके परिवार ने न्याय की गुहार लगाई है। उसके परिजनों ने गुजरात पुलिस और ईश्वर के ससुराल पक्ष पर षड़यंत्र रचने का आरोप लगाते हुए गुजरात और राजस्थान के गृह विभाग तथा मानवाधिकार आयोग से उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की।
पीड़ित ने खुद की जान माल की सुरक्षा की मांग
ईश्वर ने खुद की जान माल की सुरक्षा की भी मांग की है। ईश्वर के परिजनों का कहना है कि जिस व्यक्ति के शव को ईश्वर का बता कर हत्या का केस दर्ज किया गया है, उसका भी खुलासा किया जाए। इस पूरे मामले में गुजरात पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। वहीं, पीड़ित ईश्वर के ससुराल पक्ष की भूमिका भी संदिग्ध रही है।