Jitendra Soni IAS : किसान के बेटे ने कलेक्टर बनकर शुरू किया खेतों का 'रास्ता खोलो अभियान'
नागौर। देश की तरक्की का रास्ता खेतों से होकर गुजरता है, मगर असल में वर्षों से यह रास्ता ही बंद हो और खुद धरतीपुत्रों को खेत में आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ता हो तो भला देश और किसान की तरक्की कैसे संभव? हालांकि राजस्थान के नागौर जिले के किसानों को इस समस्या से मुक्ति मिलनी शुरू हो गई है। यह सब यहां के नवनिर्वाचित जिला कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी के अनूठे अभियान का नतीजा है।
नागौर जिला कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी का साक्षात्कार
वन इंडिया हिंदी से बातचीत में नागौर जिला कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने बताया कि जब मैं जिला कलेक्टर तो बना मैंने महसूस किया कि पुलिस थानों में राजस्व संबंधी मामलों की ढेरों शिकायतें हैं। इनमें से सबसे ज्यादा शिकायत से खेत का रास्ता बंद होने से संबंधित थी। लोगों ने जमीन पर अतिक्रमण करके खेत का रास्ता बंद कर रखा था। उन इलाकों में सड़कें तक नहीं थी। किसानों को खेतों या घरों में जाने के लिए दूसरे रास्तों से अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती थी।
क्या है 'रास्ता खोलो अभियान'
जयपुर से छह जुलाई को डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी का ट्रांसफर नागौर जिला कलेक्टर के पद पर हुआ। यहां कार्यभार संभालते ही सोनी ने राजस्व अधिकारियों की बैठक ली और तय किया कि किसानों को रास्ते संबंधी समस्या से निजात दिलाने के लिए जिले में 'रास्ता खोलो अभियान' चलाएंगे। 31 जुलाई ये यह अभियान शुरू किया गया। नागौर जिला प्रशासन की टीम पंचायत समिति, ग्राम पंचायत व संबंधित थाना पुलिस के साथ मौके पर पहुंचकर रास्ते खुलवाए। अब तक करीब 38 गांव-ढाणियों से रास्ते खुलवाए जा चुके हैं।
रास्ते का नाम बेटियों के नाम पर
नागौर जिले कलेक्टर का यह नवाचार सिर्फ अतिक्रमण हटाकर रास्ता खोलने तक ही सीमित नहीं है बल्कि उस रास्ते का नामकरण भी अनूठे ढंग से किया जा रहा है। ताकि स्थानीय लोगों की भावनाएं उससे जुड़े सके। इसके लिए रास्ते का नाम उल्लेखनीय कार्य करने वाली बहू-बेटियों के नाम पर रखे जा रहे हैं। 1 अगस्त को नागौर जिले मूंडवा जिले की कुचेरा ग्राम पंचायत में रास्ता खोलकर उसका नाम दसवीं कक्षा की टॉपर 'दिव्या शर्मा बिटिया गौरव' रखा गया। इसी तरह से 31 जुलाई को किल्डोलिया मार्ग का नाम सुमन के नाम रखा है। रास्ते के नए नामकरण के साथ ही यहां पर पटिटका लगाकर उस पर रास्ते का विवरण लिखा हुआ है।
आईएएस डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी की जीवनी
डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी किसान के बेटे हैं। राजस्थान के हनुमानगढ़ के छोटे से गांव धन्नासर में मोहन लाल और रेशमा देवी सोनी के घर में 9 नवम्बर 1981 को जन्मे डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी भारत देश के उन चुनिंदा अफसरों में शामिल हैं जिनके दिमाग से उपजा हर आइडिया चर्चा का विषय बनता है। 'रास्ता खोलो अभियान' से पहले इन्होंने जालोर जिले में कलेक्टर रहते हुए नंगे पांव स्कूल जाते बच्चों के लिए चरण पादुका अभियान चलाकर 1,50,000 से अधिक छात्रों तक चरण पादुकाएं उपलब्ध करवाई थी।
जब बचाई आठ लोगों की जान
इसके अलावा IAS डॉ. सोनी को 2016 में जालोर में आई बाढ़ के दौरान 8 लोगों की जान बचाने के लिए उत्तम जीवन रक्षा पदक से भी नवाजा गया था। इन्हें सुशासन के लिए प्रौद्योगिकी के बेहतर इस्तेमाल के लिए भी जाना जाता है। दर्शनशास्त्र, राजनीति विज्ञान, पब्लिक पॉलिसी में एम.ए., बी.एस.सी, दर्शनशास्त्र में स्लेट, राजनीति विज्ञान में नेट-जे.आर.एफ., बी.एड, उर्दू में डिप्लोमा, सी.जी.एन.आर, राजनीति विज्ञान में पीएचडी की शिक्षा प्राप्त डॉ सोनी एक अच्छे काव्यकार भी हैं।