अलवर लिंचिंग: DGP ने माना, पुलिस से स्थिति समझने में गलती हुई
अलवर। राजस्थान के अलवर में गोरक्षकों के शिकार हुए अकबर खान की मौत के लेकर पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस मामले में सोमवार को स्पेशल डीजीपी ने घटना स्थल का दौरा किया और यह माना कि पुलिस को स्थिति समझने में गलती हुई है। अकबर उर्फ रकबर खान को अस्पताल ले जाने में देरी के आरोप में एक सहायक पुलिस उप निरीक्षक को निलंबित और तीन पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
स्पेशल डीजी (पुलिस) एनआरके रेड्डी ने कहा है कि मामले में मृतक को हिरासत में पीटने का कोई सबूत नहीं मिला है, लेकिन घटना के वक्त पहले क्या करना चाहिए था इसका निर्णय करने में चूक हुई है। मामले में अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, इसके अलावा एक असिस्सटेंट सब-इन्स्पेक्टर को निलंबित किया गया है और तीन कॉन्स्टेबलों को लाइन हाजिर किया गया है। मामले में जांच जारी है।
गृहमंत्री के निर्देशों के बाद तत्काल उच्चाधिकारियों की कमेटी गठित कर उसे जांच के लिए अलवर के रामगढ़ भेजा गया। कमेटी में स्पेशल डीजीपी एनआरके रेड्डी, एडिशनल डीजीपी पीके सिंह, एडिशनल डीजीपी हेमंत प्रियदर्शी और आईजी महेंद्र चौधरी शामिल हैं। गौरतलब है कथित गो तस्करी के आरोप के चलते अकबर खान की पीटे जाने के बाद पुलिस ने मृतक को अस्पताल पहुंचाने की बजाय गायों को ले जाने को प्राथमिकता दी थी।
गंभीर रुप से घायल अकबर को 6 किलोमीटर दूर स्थित अस्पताल पहुंचाने में अलवर पुलिस को 3 घंटे लग गए थे। यही नहीं पुलिस ने गंभीर रूप से घायल खान को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाने से पहले घटनास्थल से बरामद दो गायों को गोशाला पहुंचाने को प्राथमिकता दी।