राजस्थान: मरकज की तरह भीड़ जुटाने वाले मंदिर के प्रशासन ने लगाया ताला, दर्शनार्थियों की तलाश
सिरोही। राजस्थान के जिस मंदिर की वजह से तबलीगी जमात की तर्ज पर कोरोना का संक्रमण बढ़ने की आशंका थी उसके प्रशासन ने ताला लगा दिया है। सोमवार को मंदिर में भारी संख्या में दर्शनार्थियों के पहुंचने की खबर से सिरोही प्रशासन में हड़कंप मच गया। रात को मंदिर में पुलिस व प्रशासन की टीम पहुंची और मामले की छानबीन की। मंदिर को ताला लगाकर बंद कर दिया गया तथा वहां दर्शनों के लिए आने वाले लोगों की तलाश शुरू कर दी गई है।
यूं समझें पूरा मामला
राजस्थान के सिरोही जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर स्थित जैला गांव में दुर्गम पहाड़ी पर देवेश्वर महादेव मंदिर (धूंणा) बना हुआ है, जिसमें आस-पास के गांवों के लोगों की गहरी आस्था है। हर सोमवार को यहां दर्शनों के लिए सैकड़ों लोग उमड़ते हैं। जबकि इस समय दुनियाभर में कोरोना का खौफ है। देश में भी 14 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन है।
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कोरोना का बढ़ा खतरा
सिरोही के जैला गांव में दुर्गम पहाड़ी पर देवेश्वर महादेव मंदिर (धूंणा) पर आने वाले ग्रामीण ना कोई मास्क का इस्तेमाल कर रहे और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कर रहे। धूंणा में सब एक साथ बैठकर भजन करते हैं। इससे इन लोगों में कोरोना वायरस फैलने का खतरा बढ़ रहा है। सोमवार दोपहर को यहां पर वन इंडिया हिंदी की टीम पहुंची तो महिला, पुरुषों के साथ-साथ काफी बच्चे मौजूद मिले।
एसडीएम-एसएचओ पहुंचे मौके पर
सोमवार शाम को प्रशासन ने पूरे घटनाक्रम से सिरोही जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद को अवगत करवाया। जिला कलेक्टर ने रात को ही सिरोही एसडीएम हंसमुख और कालिंदी प्रभूराम मौके पर पहुंचे। एसडीएम हंसमुख कुमार ने बताया कि रात को पहुंची टीम ने मंदिर को आगामी आदेश तक ताला लगाकर बंद कर दिया है। उन लोगों की भी तलाश कर रहे हैं, जो यहां पहुंचे थे। मंदिर में स्थायी रूप से कोई पुजारी नहीं है। यह मंदिर की बजाय संत देवेश्वर का धूणा है।
अग्नि प्रज्जवलित कर भजन करते रहे
अमूमन इस धूणे पर आए दिन लोग दर्शनों के लिए आते रहते हैं, मगर सोमवार को सबसे अधिक भीड़ उमड़ती है। धूणा गांव से करीब पांच किलोमीटर एक पहाड़ी पर स्थित है। सोमवार को यहां जब वन इंडिया हिंदी की टीम पहुंची तब बड़ी संख्या में लोग अग्नि प्रज्जवलित करके उसके सामने बैठ भजन करते मिले।
कोरोना का कोई डर नहीं
धूणा पर मिले वीराराम ने बताया कि वे फलवन्दी गांव से यहां आए हैं। हर सोमवार को आते हैं। देवेश्वर जी के दर्शन करने से हर कष्ट दूर होंगे। कोरोना के बारे में भी उन्होंने बताया कि धूणा पर आने से उन्हें कोरोना का कोई डर नहीं है। फलवन्दी के अलावा यहां पर गांव जैला, स्वराटा, तवरी आदि से भी लोग दर्शनों के लिए आते हैं।