Devendra Jhajharia: बचपन में काटना पड़ा एक हाथ, दूसरे से ओलम्पिक में तोड़ डाला खुद का ही विश्व रिकॉर्ड, पत्नी कबड्डी खिलाड़ी
नई दिल्ली। इंटरनेशनल खिलाड़ी, देश की आन, राजस्थान की शान और चूरू के लाडले देवेन्द्र झाझड़िया का आज जन्मदिन है। सोशल मीडिया उनके जन्मदिन की बधाइयों से भरा पड़ा है। उन्हें फोन करके शुभकामनाएं देने वालों का भी तांता लगा हुआ है। इस खास मौके पर आईए डालते हैं 38 वर्षीय देवेन्द्र झाझड़िया के संघर्ष, कामयाबी और सादगी भरी जिंदगी पर एक नजर।
देवेन्द्र झाझड़िया के बचपन का हादसा
बकौल, देवेन्द्र झाझड़िया 'यह बात 1989 की है। तब मैं आठ साल का था। पेड़ पर चढ़ा उसी दौरान करंट की चपेट में आ गया। चिकित्सकों ने खूब इलाज किया। आखिर बायां काटना पड़ा। चाहता था मैं भी खुद से हार मान लेता लेकिन मेरी मुश्किल हालात को ही मैंने सबसे बड़ी ताकत बनाया और स्कूल के समय से मैंने भाला उठाया, जिसे जेवेलिन थ्रो के नाम से भी जाना जाता है। कोच आरडी सिंह ने मेरी प्रतिभा को निखारा और नतीजा सबके सामने है।'
देवेन्द्र झाझड़िया का परिवार
राजस्थान के चूरू जिले के राजगढ़ उपखण्ड के जयपुरिया खालसा पोस्ट हड़ियाल के रामसिंह झाझड़िया और जीवनी देवी के घर 10 जून 1981 को जन्मे देवेन्द्र झाझड़िया वर्तमान में भारतीय खेल प्राधिकरण के कोच (जॉब) भी हैं। राजगढ़ के गांव चिमनपुरा निवासी मंजू झाझड़िया से वर्ष 2007 में शादी हुई। मंजू कब्बडी खिलाड़ी है। इनके बेटी जिया व बेटाया काव्यान है। इनके अलावा देवेन्द्र झाझड़िया के दो भाई महेन्द्र व जोगेंन्द्र और बहन मायापती, धनपती, किरोड़पती और नीरमा है। वर्तमान में देवेन्द्र झाझड़िया जयपुर के मुरलीनगर स्थित सूर्यानगर में रहते हैं।
देवेन्द्र झाझड़िया का खेल व रिकॉर्ड
-
8वीं
फेसपिक
गेम्स
बुसान
2002
(पैरा
एशियन)
में
स्वर्ण
पदक
के
साथ
नया
विश्व
रिकॉर्ड
-
ब्रिटिश
ओपन
एथलेटिक्स
चैम्पियशिप
2003
में
जेवलिन
थ्रो,
ट्रिपल
जम्प
और
शॉट
पुट
में
स्वर्ण
पदक
-
एथेंस
पैरालंपिक
गेम्स
2004
में
जेवलिन
थ्रो
में
विश्व
रिकॉर्ड
के
साथ
स्वर्ण
पदक
जीता
और
व्यक्तिगत
रूप
से
पैरालंपिक
में
स्वर्ण
पदक
जीतने
वाले
पहले
भारतीय
खिलाड़ी
बने।
-नौवीं
फेसकिप
गेम्स
कुआलालम्पुर
2006
(पैरा
एशियन)
जेवलिन
थ्रो
में
स्वर्ण
पदक
व
रिकॉर्ड
-आईडब्यूएएस
वर्ल्ड
गेम्स
ताइपेई
ताइवान
2007
में
जेवलिन
थ्रो
में
रजत
पदक
-आईडब्यूएएस
वर्ल्ड
गेम्स
बंगलौर
2009
में
जेवलिन
थ्रो
में
स्वर्ण
पदक
व
डिस्कस
थ्रो
में
रजत
पदक
-वर्ल्ड
चैम्पियशिप
लियोन
फ्रांस
2003
जेवलिन
थ्रो
में
स्वर्ण
पदक
हासिल
कर
चैम्पियशिप
का
नया
रिकॉर्ड
बनाया।
-पैरा
एशियन
गेम्स
इंचियोन
कोरिया
2014
में
रजत
पदक
-आईपीसी
वर्ल्ड
चैम्पियशिप
दोहा
2015
में
रजत
पदक
-पैरालंपिक
रियो
डे
जेनेरियो
2016
में
स्वर्ण
पदक
के
साथ
खुद
का
एथेंस
का
विश्व
रिकॉर्ड
तोड़ा।
पैरालंपिक
में
दो
बार
स्वर्ण
पदक
जीतने
वाले
पहले
भारतीय
खिलाड़ी
बने।
देवेन्द्र झाझड़िया को मिले अवार्ड
-3
दिसम्बर
2004
में
राष्ट्रपति
ने
प्रशस्ति
पत्र
प्रदान
कर
सम्मानित
किया।
-2004
में
महाराणा
प्रताप
राज्य
खेल
पुरस्कार
-29
अगस्त
2005
में
अर्जुन
अवार्ड
से
नवाजे
गए।
-2005
में
पीसीआई
उत्कृष्ट
खिलाड़ी
पुरस्कार।
-2014
में
पद्मश्री
और
पैरा
स्पोर्ट्सपर्सन
ऑफ
द
ईयर
अवार्ड
-2016
में
जीक्यू
मैगजीन
ने
बेस्ट
प्लेयर
के
अवार्ड
से
नवाजा
-29
अगस्त
2017
को
राजीव
गांधी
खेल
रत्न
अवार्ड
छोटे से गांव का लड़का अमेरिका में बना साइंटिस्ट, घरवालों को लगता था चपरासी भी नहीं बन सकता
अगला टारगेट टोक्यो ओलंपिक 2020
देवेन्द्र झाझड़िया का अगर लक्ष्य टोक्यो ओलंपिक 2020 में भी भारत के लिए स्वण पदक लेकर आना है। वर्तमान में देवेन्द्र गुजरात के गांधीनगर में कोच सुनील तंवर की देखरेख में टोक्यो ओलंपिक 2020 की तैयारियां कर रहे हैं।