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रामसिंह झाझड़िया: वो शख्स जिसने विकलांग बेटे को बनाया इंटरनेशनल खिलाड़ी, बनाए दो विश्व रिकॉर्ड

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चूरू। तस्वीर में दिख रहे शख्स का नाम रामसिंह झाझड़िया है। ये वो शख्स थे जिन्होंने विकलांग बेटे को बोझ समझने की बजाय उसकी ताकत बने। हिम्मत बढ़ाई और बचपन में एक हाथ गवां देने वाले बेटे को इंटरनेशनल खिलाड़ी बना दिया।

देवेंद्र झाझड़िया के पिता का निधन

देवेंद्र झाझड़िया के पिता का निधन

रामसिंह झाझड़िया दो बार के पैराओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता, राजीव गांधी खेल रत्न अवार्डी, अंतरराष्ट्रीय जेवलिन थ्रोअर पद्मश्री देवेंद्र झाझड़िया के पिता हैं। शुक्रवार को 76 वर्ष की उम्र में इनका निधन हो गया। ज्येष्ठ पुत्र महेंद्र ने उनकी चिता को मुखग्नि दी। झाझड़िया पिछले एक माह से बीमार चल रहे थे।

देवेंद्र झाझड़िया की पूरी जीवनी यहां पढ़ेंदेवेंद्र झाझड़िया की पूरी जीवनी यहां पढ़ें

 अंतिम विदाई देने उमड़े लोग

अंतिम विदाई देने उमड़े लोग

राजस्थान के चूरू जिले की राजगढ़ तहसील के गांव झाझड़ियों की ढाणी में उनका अंतिम संस्कार किया गया। पूरे राजस्थान से लोग इनके अंतिम दर्शन करने व विदाई देने पहुंचे। हालांकि इस दौरान कोरोना महामारी के चलते सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की सख्ती से पालना की गई।

 बेटे ने तोड़ा खुद का विश्व रिकॉर्ड

बेटे ने तोड़ा खुद का विश्व रिकॉर्ड

उल्लेखनीय है कि रामसिंह झाझड़िया ने अभावों में जीकर अपने दिव्यांग बेटे देवेंद्र झा​झड़िया को तराशने के लिए हरसंभव प्रयास किए और उसे सफलता के लिए एक दिशा और हौसला दिया। यही वजह है कि बेटे ने भी खूब मेहतन की और पैराओलंपिक में खुद का ही विश्व रिकॉर्ड तोड़ डाला।

 सामाजिक कार्यों में सदैव रहे अग्रणी

सामाजिक कार्यों में सदैव रहे अग्रणी

बता दें कि सामाजिक कार्यों में सदैव वे अग्रणी रहे रामसिंह झाझड़िया ने समाज के पिछड़े लोगों के विकास के लिए भी योगदान दिया। वे अभिनव टीम राजस्थान के मार्गदर्शक रहे तथा जाट कीर्ति संस्थान चूरू के संरक्षक रहे। राजगढ़ के किसान होस्टल के निर्माण में इनका अतुल्य योगदान रहा। उनके निधन पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, टीम अभिनव राजस्थान सहित जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, खिलाड़ियों, खेलप्रेमियों सहित विशिष्ट व्यक्तियों ने शोक व्यक्त किया है।

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English summary
Devendra Jhajadia's father was cremated in Jhajharia Ki dhani Churu Rajasthan
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