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दिल्ली हिंसा: सीकर जिले के रहने वाले थे हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल, बुखार में कर रहे थे ड्यूटी

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सीकर। देश की राजधानी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर भड़की हिंसा में अबतक सात लोगों की मौत हो चुकी है। इस हिंसा में दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल ने अपनी जान गंवा दी। हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल मूलरूप से राजस्थान के सीकर के रहने वाले थे और 1998 में वह दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए थे। वर्तमान में उनकी तैनाती गोकुलपुरी सब डिवीजन के एसीपी अनुज के ऑफिस में थी।

बुखार होने के बाद भी ड्यूटी कर रहे थे रतन लाल

बुखार होने के बाद भी ड्यूटी कर रहे थे रतन लाल

दिल्ली पुलिस में हैड कॉन्स्टेबल रतन लाल के शहीद हो जाने की सूचना जब पैतृक गांव तिहावली में परिजनों तक पहुंची तो शोक की लहर छा गई। पूरे गांव में सन्नाटा छा गया। दर्जनों युवक रतन लाल के घर के पास एकत्र हो गए। परिजनों से पता चला कि दो दिन पहले ही रतन लाल ने मां से फोन पर बात की थी और होली पर गांव आने को कहा था। वहीं रतन लाल के बारे में जानकारी मिली है कि वह सोमवार को बुखार होने के बावजूद ड्यूटी पर थे।

9 साल का बेटा, 2 बेटियां और पत्नी छोड़ गए रतन लाल

9 साल का बेटा, 2 बेटियां और पत्नी छोड़ गए रतन लाल

हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल के मौत के बाद उनकी पत्नी बेसुध हालत में हैं। वे अपने पीछे परिवार में एक 8 वर्ष का बेटा राम और दो बेटिया सिद्धि (13) और कनक (10) छोड़ गए। तीनों बच्चे अभी पढ़ाई कर रहे हैं। परिवार के मुखिया की इस तरह मौत के बाद परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। वहीं हैड कॉन्स्टेबल रतन लाल के परिजन और मित्र उनकी मौत की खबर के बाद दिल्ली पहुंच रहे हैं।

'हमारे पापा का क्या कसूर था'

'हमारे पापा का क्या कसूर था'

आंखों में आंसू लिए ये बच्चे पुलिस कमिश्नर से सवाल कर रहे थे,'हमारे पापा का क्या कसूर था?' गांव के लोगों ने किसी तरह बच्चों को समझाने की कोशिश की लेकिन उनकी आंखों से बहते आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। रतन लाल के छोटे भाई दिनेश लाल बेंगलुरु में रहते हैं। भाई की मौत की खबर सुनते ही वे तुरंत दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे। वहीं, दयालपुर थाने में तैनात पुलिसकर्मी हीरालाल ने बताया कि वे रतन लाल को करीब 3 साल से जानते थे। उन्होंने कहा, 'मैंने कभी उनको किसी की एक कप चाय पीते नहीं देखा, वे हमेशा अपनी जेब से ही खर्च करते थे। उनके स्वभाव से कहीं से भी पुलिसकर्मी होने का व्यवहार नहीं झलकता था।

रतनलाल को शहीद का दर्जा और मुआवजे की मांग

रतनलाल को शहीद का दर्जा और मुआवजे की मांग

हंसमुख स्वभाव के रतन लाल की मां संतरा देवी और भाई दिनेश गांव में परिवार के साथ रहते हैं। उनका एक भाई बेंगलूरु में रहते हैं। उधर, ग्रामीणों ने मृतक हैड कॉन्स्टेबल रतनलाल को शहीद का दर्जा देते हुए उचित मुआवजे की मांग की है। साथ ही गांव में रतन लाल के नाम से स्कूल में स्टेडियम का नामकरण किए जाने की भी मांग की।

रतन लाल की मौत पर अरविंद केजरीवाल ने भी किया ट्वीट

रतन लाल की मौत पर अरविंद केजरीवाल ने भी किया ट्वीट

हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल के मौत की जानकारी मिलते ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, 'पुलिस हेड कांस्टेबल की मौत बेहद दुःखदायी है। वो भी हम सब में से एक थे। कृपया हिंसा त्याग दीजिए। इस से किसी का फायदा नहीं। शांति से ही सभी समस्याओं का हल निकलेगा'। हालांकि केजरीवाल ने अभी तक किसी तरह की सहायता राशि की घोषणा नहीं की है।

ये भी पढ़ें:-हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल के मासूम बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल, पुलिस कमिश्नर से पूछा- 'पापा का क्या कसूर था?'ये भी पढ़ें:-हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल के मासूम बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल, पुलिस कमिश्नर से पूछा- 'पापा का क्या कसूर था?'

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English summary
delhi violence: Head Constable Ratan Lal a resident of Sikar district of Rajasthan
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