राजस्थान में मुस्लिम गांवों के नाम बदलने पर चढ़ा सियासी पारा, कांग्रेस ने लगाए ये गंभीर आरोप
जयपुर। विधानसभा चुनाव से पहले गांवों के बदले जा रहे नाम को लेकर सियासत गरमाती जा रही है। राज्य सरकार के इस कदम पर कांग्रेस ने तीखा हमला किया है। कांग्रेस ने सरकार पर धर्म के आधार पर गांवों का नाम बदलने का आरोप लगाया है। कांग्रेस का कहना है कि विधानसभा चुनावों में सरकार हिन्दू वोट बटोरने के लिए नाम बदलने का हथियार इस्तेमाल कर रही है।
राजस्व राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अमराराम के अनुसार गांवों का नाम बदलने के लिए विधि सम्मत प्रक्रिया अपनाई गई है। अधिसूचना जारी कर बाड़मेर जिले के मियों का बाड़ा का नाम महेश नगर, झुंझुनूं के इस्माइलपुर का नाम पिचानवा खुर्द व अमजेर के सलेमाबाद का नाम श्रीनिंबार्क तीर्थ कर दिया गया है। साथ ही, चित्तौड़गढ़ के मोहम्मदपुरा का नाम मेडी का खेड़ा, नवाबपुरा का नाम नईसरथल, रामपुर आजमपुर का नाम सीतारामजी खेड़ा तथा मंडफिया गांव का नाम सांवलियाजी करने के लिए अधिसूचना जारी होने वाली है।
उन्होंने बताया कि पंचायतों से आए प्रस्तावों के तहत राजस्थान सरकार ने केंद्र से 27 गांवों के नाम बदलने की मांग की थी। इनमें से आठ के लिए मंजूरी मिल गई है, जिनमें से कुछ की अधिसूचना जारी की गई हैं। पंचायतों ने अपनी अपनी स्थानीय समस्याएं दूर करने के लिए नाम बदलने की गुहार लगाई थी। कुछ की शिकायत की थी कि गांव का मुस्लिम नाम होने के कारण शादियों में दिक्कतें आ रही हैं।
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष अर्चना शर्मा ने कहा कि नाम बदलकर सियासत करना भाजपा की प्रवृत्ति रही है। उन्होंने कहा कि पहले राजीव गांधी सेवा केंद्रों के नाम बदलकर अटल सेवा केंद्र किया। अब जो नाम बदले जा रहे हैं, इसको लेकर तात्कालिक रुप से की गई कोई मांग नहीं है। वहीं, भाजपा ने कहा है कि ये गांव हिन्दु बाहुल्य हैं और इस कारण पंचायत स्तर पर नाम बदलने के फैसले किए गए हैं और इसमें सरकार की ओर से कोई दवाब नहीं डाला गया है।
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