राजस्थान में चुनाव से पहले पुलिस को खुश करने के लिए वसुंधरा राजे ने चला ये बड़ा दांव
जयपुर। राजस्थान में एक साथ 6000 कांस्टेबल पदोन्नत होकर हैड कांस्टेबल बन गए। सरकार की ओर से रखे गए इस बड़े समारोह में आज का क्षण बहुत भावुक भरा रहा। समारोह में कई बेटियों व बेटों ने अपने पिता की वर्दी पर, तो पत्नियों ने अपने पति की वर्दी पर पदोन्नति स्वरूप फीते लगाए। जिनके परिवार से लोग नहीं आए थे, उन्होंने अपने साथियों और रिश्तेदारों से वर्दी पर फीते लगवाए।
राजस्थान में ऐसा पहली बार हुआ
पदोन्नत होने के बाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने हैडकांस्टेबलों को बधाई दी। पदोन्नति की खुशी के बीच सभी हैड कांस्टेबल अपने-अपने पसंदीदा अफसरों के साथ सेल्फी लेने में व्यस्त हो गए। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि राजस्थान के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है। इस अवसर पर राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि अब यहां कोई कांस्टेबल से रिटायर नहीं होगा।
16 हजार लोग मौजूद
राजस्थान सरकार की ओर से जयपुर के राजस्थान पुलिस अकादमी (आरपीए) के मैदान में हुए पदोन्नति समारोह में हैड कांस्टेबलों के परिवारों को भी आमंत्रित किया गया था। इस समारोह में करीब 16 हजार लोग मौजूद रहे, जिनमें कांस्टेबल और उनके परिजन शामिल हैं। सभी के बीच वसुंधरा राजे भी मौजूद रहीं। मुख्यमंत्री ने 15 सीनियर मोस्ट कॉस्टेबलों को पदोन्नत किया। सरकार का दावा है कि इतनी बड़ी संख्या में देश में कहीं भी पदोन्नति नहीं हुई है।
सीएम ने दी शुभकामनाएं
राजे ने पदोन्नत हुए हैड कांस्टेबलों को शुभकामनाएं दी और कहा कि प्रदेश में पहली बार इस तरह का कार्यक्रम हुआ है। ये ऐतिहासिक दिन सभी के दिलो-दिमाग पर छाप छोड़ेगा। उन्होंने कहा कि जयपुर के मानसरोवर में लूट व हत्या और अलवर में व्यापारी के अपहरण की वारदार को राजस्थान पुलिस ने घंटों में खोल कर प्रदेश का मान बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि पुलिस की दूरदर्शिता और मेहनत के बिना कोई भी सरकार ज्यादा दूर तक नहीं चल सकती।
राजस्थान पुलिस है बेस्ट
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान की शांति के लिए पुलिसिंग बहुत बड़ा हिस्सा है। सर्वश्रेष्ठ पुलिस बनने के लिए हर मोर्चे पर मुस्तैदी के साथ अनुशासन भी जरूरी है। देश की बेस्ट पुलिस बनने के लिए राजस्थान को मुस्तैदी और अनुशासन के साथ और भी ज्यादा मेहनत करनी हे।
जवानों को मिला बड़ा सम्मान
गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि जवानों की बात सामने आती थी कि 28 साल बाद भी वे कांस्टेबल ही हैं। हमारे बच्चे जब स्कूल में फॉर्म भरते हैं, तो पापा को कांस्टेबल लिखते हैं और जब वे बच्चे कॉलेज में आ जाते हैं, तो भी फॉर्म में कांस्टेबल ही लिखते हैं। कटारिया ने कहा कि कांस्टेबलों की इस पीड़ा का मुख्यमंत्री को बताया गया और परिणाम सामने है। इससे पूर्व समारोह में सीएम वसुंधरा राजे के पहुंचने पर डीजीपी ओपी गल्होत्रा ने स्वागत किया।