राजस्थान के इस मदरसा में मौलाना द्वारा बच्चे से कुकर्म के मामले में 5 माह बाद सामने आई चौंकाने वाली सच्चाई
भीलवाड़ा। राजस्थान चूरू जिले के रतनगढ़ स्थित मदरसे में मौलाना द्वारा बच्चे के साथ कुकर्म किए जाने मामले में पांच माह बाद चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई है। मामले के अनुसार भीलवाड़ा के बीगोद निवासी इकबाल लौहार राजस्थान के चूरू जिले के रतनगढ़ में एक मदरसे में बच्चों को पढ़ाने गया था। 12 मई 2019 को मौलाना इकबाल के खिलाफ मदरसे में पढ़ने आए एक बच्चे के परिजनों की ओर से कुकर्म का मामला दर्ज करवाया गया।
रतनगढ़ पुलिस ने इकबाल को गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया। मामले की जांच कर पुलिस ने कोर्ट में चालान भी पेश कर दिया। कोर्ट में 5 माह तक चली सुनवाई में मौलाना बेगुनाह साबित हुआ है। मेडिकल रिपोर्ट और पीड़ित की गवाही के आधार पर लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण मामलात न्यायालय के विशेष न्यायाधीश व चूरू पीठासीन अधिकारी राजेन्द्र कुमार सैनी ने फैसला सुनाते हुए मौलाना इकबाल को साक्ष्य अभाव में दोषमुक्त करार दिया है।
कुकर्म के आरोप की यह थी वजह
मौलाना के खिलाफ बच्चे के साथ कुकर्म का मामला दर्ज कर करवाए जाने की असली वजह भी सामने आई है। दरअसल, मई 2019 में बीगोद निवासी मौलाना इकबाल लौहार को रतनगढ़ की मस्जिद मौहम्मदी, नीलगिरान मोहल्ले में बतौर मौलाना स्थानीय कमेटी द्वारा बुलाया गया था।
मोहल्ले में ही कमेटी के दो गुटों के बीच लम्बे समय से विवाद चल रहा था। एक गुट मोहल्ले से मस्जिद को हटवाना चाहता था। मस्जिद के निर्माण के दौरान भी दोनों पक्षों में विवाद के हालात पैदा हुए थे। ऐसे में दूसरे गुट ने पहले गुट द्वारा बुलाए गए मौलाना इकबाल को मस्जिद से चले जाने को कहा, लेकिन उसने जाने से इनकार कर दिया।
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इसी बीच द्वेषता रखने वाले लोगों ने 10 मई 2019 को अपने गुट के 11 साल के एक बच्चे को मस्जिद में पढ़ने भेजा और 12 मई को उक्त बच्चे के साथ कुकर्म किए जाने का मामला दर्ज करवा दिया। चूरू के एडवोकेट रतन स्वामी ने बताया कि कोर्ट ने इकबाल को दोषमुक्त माना है। बच्चे के साथ कुकर्म का मामला झूठा निकला है।