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जब युद्ध में इंडिया के कैप्टन अयूब खान का नाम सुनते ही पाकिस्तानी फौज के छूट जाते थे पसीने

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Jhunjhunu News झुंझुनूं। 14 फरवरी 2019 को हुए पुलवामा आतंकी हमले के बाद हिन्दुस्तान में पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा है। लोग जगह-जगह प्रदर्शन कर पाकिस्तान से बदला लेने की मांग कर रहे हैं। साथ ही दोनों देशों की सरहदों पर हलचल भी बढ़ गई है।

captain ayub khan

अब भारत-पाक के बीच युद्ध होगा या नहीं। यह तो आने वाला समय ही बताएगा, मगर पाकिस्तान जब जब भी हिन्दुस्तान से भिड़ा है, तब तब उसे मुंह की खानी पड़ी है। हर युद्ध में भारत ने पाक को उसके नापाक मंसूबों का मुंहतोड़ जवाब दिया है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं हिन्दुस्तान के एक ऐसे ही युद्धवीर के बारे में, जिससे पाकिस्तान की पूरी फौज खौफ खाया करती थी।

मामला भारत-पाक 1965 के दौर का है

मामला भारत-पाक 1965 के दौर का है

दरअसल, मामला भारत-पाक के बीच हुए 1965 के युद्ध से जुड़ा है। इस युद्ध में अयूब खान नाम सबसे अधिक चर्चा में रहा था। इसकी वजह यह थी पाकिस्तान ने 1965 का युद्ध जनरल अयूब खान के नेतृत्व में लड़ा रहा था तो इधर, हिन्दुस्तान की फौज में भी एक फौजी का नाम अयूब खान था। वर्ष 1965 के युद्ध में भारतीय सेना इस कैप्टन अयूब खान ने अदम्य साहस दिखाया था। अकेले ने ही पाकिस्तानी सेना के चार टैंक धवस्त कर डाले थे। भारत-पाक युद्ध के दौरान कैप्टन अयूब खान की बहादुरी के चर्चे पाकिस्तानी फौज में भी हुआ करते थे।

पाकिस्तान को अकेला इंडियन अयूब ही काफी

पाकिस्तान को अकेला इंडियन अयूब ही काफी

1965 का युद्ध लड़ चुके फौजी बताए करते थे कि पाकिस्तानी सेना को अपने जनरल अयूब खान पर तो हिन्दुस्तान को अपने फौजी कैप्टन अयूब खान पर नाज था। भारतीय फौजी कहा भी करते थे कि पाकिस्तान को अकेला इंडियन अयूब ही काफी है। उस युद्ध के बाद से कैप्टन अयूब खान इंडियन अयूब के नाम भी फेमस हुए। कैप्टन अयूब खाने के दोहिते आयतुल्ला खान बताते हैं कि 1965 के युद्ध में नानाजी की बहादुरी तमाम अखबारों में सुर्खियां बनी थी। उन्हें इंडियन अयूब लिखा गया था।

जानिए कौन थे कैप्टन अयूब खान

जानिए कौन थे कैप्टन अयूब खान

(Captain Ayub Khan Biography in Hindi ) इंडो-पाक वार 1965 में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कैप्टन अयूब खान मूलरूप से राजस्थान के झुंझुनूं के नुआं कस्बे के रहने वाले थे। युद्ध में अदम्य साहस दिखाने पर इन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया था। 24 जून 1932 को जन्मे कैप्टन अयूब खान का 15 सितम्बर 2016 को 84 वर्षीय कैप्टन अयूब खान का इंतकाल हो गया। कैप्टन अयूब खान 1982 से सेवानिवृत हुए और फिर राजनीति में सक्रिय हो गए। 1984 में झुंझुनूं लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर सांसद बने। दूसरी बार में हार का सामना पड़ा। तीसरे बार फिर झुंझुनूं से जीते और तीसरी बार में 1991 में जीतकर नरसिम्हा राव सराकर ने में कृषि राज्य मंत्री बने।

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English summary
Captain ayub khan was Hero of indo pak war 1965
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