पाकिस्तान में फंसी 3 भारतीय युवकों की दुल्हन, डेढ़ साल बाद भी ससुराल में नहीं रख सकीं कदम
जैसलमेर। भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित राजस्थान के बाड़मेर-जैलमेर जिले के लोगों का पाकिस्तान से रोटी-बेटी का संबंध है। दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी और कोरोना महामारी के चलते यहां के तीन युवकों की दुल्हन पाकिस्तान में फंसी हुई हैं। तीनों युवकों ने अपनी दुल्हनों को लाने के लिए स्थानीय सांसद व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी से गुहार लगाई है।
पिछले साल जनवरी में हुई थी शादी
बता दें कि जैसलमेर जिले के गांव बइया निवासी विक्रम सिंह व उसके भाई नेपाल सिंह पिछले साल जनवरी में थार एक्सप्रेस से पाकिस्तान गए थे। पाकिस्तान के सिंध राज्य के तनेराव सिंह सोढा और रणजीत सिंह की बेटियों से विक्रम सिंह व नेपाल सिंह की शादी हुई थी। इसके बाद 14 फरवरी को पुलवामा हमला हो गया था। तब भारत-पाकिस्तान के रिश्तों के बीच खटास बढ़ गई और थार एक्सप्रेस का संचालन भी बंद हो गया।
जोधपुर सांसद से भी लगाई गुहार
दोनों दूल्हे और अन्य बाराती तो भारत लौट आए थे, मगर दोनों दुल्हन पाकिस्तान ही रह गईं। दोनों दुल्हनों को पहले तो पुलवामा हमला और अब कोरोना महामारी के कारण भारत आने का वीजा नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में वे एक बार भी जैसलमेर के बइया गांव स्थित अपने ससुराल में कदम नहीं रख सकी हैं। जैसलमेर के गोपाल सिंह का कहना है कि जैसलमेर-बाड़मेर के सांसद के अलावा वे जोधपुर सांसद व केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से भी इस संबंध में गुहार लगा चुके हैं।
बाड़मेर के महेंद्र की दुल्हन भी अटकी
दूसरा केस राजस्थान के बाड़मेर जिले के गिराब थाना क्षेत्र का है। यहां के महेन्द्र सिंह की बारात अप्रैल 2019 में पाकिस्तान गई थी। उसकी भी वहीं शादी हुई। शादी के बाद कुछ दिन तक दुल्हन को वीजा मिलने के इंतजार में बाराती वहीं डटे रहे। इसके बाद बाराती व दुल्हा तो भारत लौट आए, दुल्हन को अभी तक भारत आने का वीजा नहीं मिल पाया है।
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