भीलवाड़ा बजरी माफिया ने व्हाट्सएप पर 'जय महाकाल' और 'भाई-भाई का प्यार' ग्रुप बनाया VIDEO
भीलवाड़ा। राजस्थान के भीलवाड़ा में न्यायालय की रोक के बावजूद बजरी का अवैध खनन थमने का नाम ले रहा है। सोमवार को भरतपुर जिला कलक्टर राजेन्द्र भटट के निदेश पर एसडीएम अख्तर आमिर अली की टीम ने बजरी माफिया के खिलाफ कार्रवाई की है। टीम ने कार्रवाई करते हुए बजरी माफियाओं को सूचना उपलब्ध कराने वाले दो व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन को गिरफ्तार कर संगठित रूप से चल रहे गिरोह का खुलासा किया है। वहीं, तीन दिन में बजरी के 15 ट्रैक्टर और 3 डंपर जब्त किए हैं। इस कार्रवाई से बजरी माफियाओं में हड़कंप मच गया है।
टास्क फोर्स ने की कार्रवाई
भरतपुर कलेक्टर सभागार में उपखंड अधिकारी अख्तर आमिर अली ने पत्रकार वार्ता में बताया कि भरतपुर जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट और भरतपुर पुलिस अधीक्षक डा. हरेंद्र महावर के निर्देश पर बजरी की रोकथाम के लिए खनिज विभाग के एमई आसिफ मोहम्मद अंसारी और उप पुलिस अधीक्षक अर्जुनराम के नेतृत्व में टास्क फोर्स का गठन किया गया, जिसमें तीन दिन में बजरी के 15 ट्रैक्टर, तीन डंपर जब्त किए हैं।
व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन ने किए चौंकाने वाले खुलासे
टीम को सोमवार को उस वक्त बड़ी सफलता हाथ लगी जब खनिज विभाग और पुलिस महकमे की जासूसी करने वाले दो व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन को गिरफ्तार किया गया। इनमें भवानी नगर निवासी राधेश्याम गुर्जर व बाईसी मोहल्लापुर निवासी प्रकाश शर्मा को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बाद इनके पास मिले मोबाईल से चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। ये लोग खनिज विभाग से निकलने वाले वाहन पर निगाह रखते थे और पुलिस के वायरलैस की तर्ज पर व्हाट्सएप से आगे संदेश भेजा करते थे।
ट्रैक्टर मालिक व सीमेंट दुकानदार भी शामिल
इससे उस रास्ते से आने वाले बजरी के वाहनों को डायवर्ट कर दिया जाता था। टीम लीडर एसडीएम अली ने बताया कि पकड़े गए आरोपी राधेश्याम गुर्जर ने पूछताछ में बताया कि उसे नौ हजार रुपए के वेतन पर रखा गया था और उसे खनिज विभाग से निकलने वाले उन वाहनों पर निगाह रखनी होती थी, जो कार्रवाई के लिए जाते थे। इस बात की शंका होने पर पुलिस की साइबर सेल ने कुछ नंबरों पर निगाह रखी तो राधेश्याम और प्रकाश के नंबर सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि पूछताछ में कई लोगों के नाम सामने आए हैं, जो अवैध बजरी के कारोबार से जुड़े हैं। इनमें बजरी के बड़े कारोबारियों के अलावा ट्रैक्टर मालिक, सीमेंट के दुकानदार भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे लोगों की पड़ताल की जा रही है, लेकिन इस बात का खुलासा नहीं किया कि सरकारी वाहनों को एस्कॉर्ट करने वाले बजरी माफियाओं के कारिंदों को वेतन कौन देता था। टास्क फोर्स के गठन और माफियाओं के मुखबिरों की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस प्रशासन द्वारा बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
बजरी दोहन के परमिट सिर्फ चार स्थानों पर
शहर में आने वाली बजरी के बारे में भी इस टीम ने काफी सबूत जुटाए हैं। वहीं, अब जहां बजरी खाली होती मिलेगी, उन वाहनों से दस्तावेज देखकर कार्रवाई की जा सकेगी। खनिज विभाग के एमई आसिफ मोहम्मद ने बताया कि जिले में चार स्थानों पर बजरी दोहन के परमिट दिए हुए हैं। यदि इसके अलावा और कहीं से बजरी लाते ट्र्रेक्टर-ट्रॉली पर सवा लाख और डंपर पर सवा दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।
राजेन्द्र कुमार बुरड़क : 10 साल में 5 बार सरकारी नौकरी, RAS में 3 बार हुए फेल, फिर बने DSP
व्हाट्सएप ग्रुप का नाम 'जय महाकाल' और 'भाई-भाई का प्यार'
एसडीएम अली ने बताया कि राधेश्याम 'जय महाकाल' और प्रकाश 'भाई-भाई का प्यार' नाम से व्हाट्सएप ग्रुप चलाते थे। इनमें भाई-भाई का प्यार ग्रुप में 219 और जय महाकाल 150 सदस्य जुड़े हुए हैं। इन्हीं ग्रुपों में ऑडियो के माध्यम से वायरलैस की तर्ज पर सरकारी वाहनों की आवाजाही की सूचना पहुंचाई जाती थी। इन दोनों ग्रुपों में कुल कितने लोग सरकारी वाहनों की मुखबिरी में लगे थे। इसका पता लगाया जा रहा है। टास्क फोर्स ने तीन अलग-अलग नंबर पर बजरी के अवैध वाहनों की सूचना देने की आमजन से अपील की है।
राजेन्द्र सिंह शेखावत : मां ने सिलाई करके पढ़ाया, बेटा 6 बार लगा सरकारी नौकरी, अफसर बनकर ही माना
कई
बजरी
माफिया
भूमिगत
हुए
उप
पुलिस
अधीक्षक
अर्जुनराम
ने
कहा
कि
अगर
कोई
भी
सरकारी
कर्मचारी
अगर
मुखबिरी
में
शामिल
पाया
गया
तो
उसके
खिलाफ
भी
कार्रवाई
होगी।
अवैध
बजरी
के
मामले
में
दोनों
आरोपियों
को
गिरफ्तार
कर
सम्बन्धित
धाराओं
के
साथ
आईटी
एक्ट
में
भी
कार्रवाई
की
जाएगी।
इनकी
गिरफ्तारी
और
मामले
की
कानूनी
जांच
प्रतापनगर
थाना
पुलिस
को
सौंपी
गई
है।
जिले
में
चल
रहे
इस
रैकेट
के
दो
सदस्य
गिरफ्तार
होने
के
बाद
बजरी
के
अवैध
कारोबार
से
जुुड़े
लोगों
ने
हडकम्प
मचा
हुआ
है।
कई
माफियाओं
के
भूमिगत
होने
की
खबर
है
तो
कहीं
जिले
से
फरार
हो
चुके
हैंं।