भरतपुर : कोरोना संकट में पूर्व राजपरिवार का ऑफर, हमारे मोती महल को बना लो क्वारंटाइन सेंटर
भरतपुर। राजस्थान के भरतपुर का पूर्व राजपरिवार कोरोना संकट में लोगों की मदद के लिए आगे आया है। अपने महल परिसर को आमजन की सहायत के लिए अस्थायी क्वारंटाइन सेंटर बनाने के लिए जिला कलेक्टर नथमल डिडेल को पत्र लिखा है। पत्र में राजपरिवार ने कहा है कि भरतपुर राज परिवार का सम्बन्ध यहां की जनता से 15 पीढ़ी पुराना है। राजपरिवार लगातार सैकड़ों वर्षों से आमजन की सेवा करता आ रहा है। चाहे किसी भी जाति या धर्म का हो। सभी लोगों की हमेशा मदद की है।
कोरोना संकट में भी राजपरिवार आमजन के साथ है। भरतपुर के पूर्व महाराजा विश्वेन्द्र सिंह राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री और उनकी पत्नी पूर्व महारानी दिव्या कुमारी सांसद व विधायक रह चुकी हैं। दोनों ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर कहा है कि यदि सरकार चाहे तो उनके मोती महल परिसर का उपयोग अस्थाई क्वारंटाइन सेंटर के रूप में कर सकती है।
महल मोती पैलेस आबादी से दूर है। वर्तमान में खाली पड़ा है। परिसर में काफी जमीन भी खाली पड़ी हुई है। इसका उपयोग सरकार चाहे तो टेंट लगाकर अस्थाई क्वारंटाइन सेंटर बना सकती है। जिस तरह से संक्रमण बढ़ रहा है। उसके बाद क्वारंटाइन सेंटरों की कमी आ रही है। बता दें कि भरतपुर में 21 अप्रैल तक कोरोना पॉजिटिव के 103 केस सामने आ चुके हैं। गंभीर बात यह है कि इनमें से अभी तक सिर्फ एक ही मरीज रिकवर कर पाया है। शेष उपचाराधीन हैं।
राजस्थान में 64 नए केस
बता दें कि राजस्थान में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। बुधवार को 64 नए पॉजिटिव केस आए हैं। इनके साथ ही राजस्थान में कोरोना मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 1799 हो गया है। जयपुर अभी सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बना हुआ है। जयपुर में 661 लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं।