भरतपुर : नसबंदी के लिए अस्पताल पहुंचीं महिलाएं, डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने के लिए किया इनकार
भरतपुर। देश में बढ़ती आबादी पर अंकुश लगाने के लिए तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन दिनों तो एनपीआर भी सुर्खियों में है। वहीं, राजस्थान के भरतपुर में नसबंदी ऑपरेशन से इनकार करने का मामला सामने आया है। भरतपुर के जनाना अस्पताल में बुधवार को नसबंदी ऑपरेशन के लिए महिलाओं को बैरंग लौटना पड़ा है।
ऑपरेशन करने वाला डॉक्टर छुट्टी पर
अस्पताल में नसबंदी का ऑपरेशन करने वाला डॉक्टर छुट्टी पर था। वहीं, महिलाओं को ऑपरेशन करवाने के लिए लाने वाली एएनएम सीमा ने बताया कि उनको महिलाओं की नसबंदी करवाने के लिए टारगेट दिया जाता है। ऐसे में वे ग्रामीण महिलाओं को बड़ी समझाइश के बाद नसबंदी करवाने के लिए तैयार करती हैं और जनाना अस्पताल लेकर आती है। यहां डॉक्टर्स नही मिलते। अगर डॉक्टर्स मिल भी जाते हैं तो उनको कई घंटे तक डॉक्टर्स का इंतजार करना पड़ता है। जिसकी वजह से ज्यादातर महिलाएं अपने घर चली जाती हैं। टारगेट पूरा नही होने की स्तिथि में एएनएम की तनख्वाह रोक ली जाती है।
पांच चिकित्सकों को दिलाया प्रशिक्षण
वहीं, नसबंदी करवाने आई महिला ने बताया कि अपने छोटे छोटे बच्चों को घर पर छोड़ कर ऑपरेशन करवाने आई हैं, लेकिन यहां डॉक्टर्स न होने के कारण उनको बिना ऑपरेशन करवाये वापस घर जाना पड़ रहा है। पूरे मामले में डिप्टी सीएमएचओ असित श्रीवास्तव का कहना है कि पांच डॉक्टर्स को नसबंदी करने की ट्रेनिंग दिलाई हुई है, लेकिन वे डॉक्टर्स नसबंदी करने से साफ मना कर देते हैं और कहते हैं कि अगर मरीज को कुछ होता है तो उनकी जिम्मेदारी नहीं होगी।
मामले की जांच करवाएंगे-डिप्टी सीएमएचओ भरतपुर
बुधवार को भी नसबंदी के लिए लाने वाली एएनएम ने जब इसकी शिकायत असित श्रीवास्तव से की तो उन्होंने जनाना अस्पताल की हैड मोहिनी वालिया से बात की तुरंत डॉक्टर्स उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए, लेकिन उसके बावजूद कोई भी डॉक्टर नसबंदी का ऑपरेशन करने के लिए वहां नहीं पहुँचा। डिप्टी सीएमएचओ का कहना है कि इस मामले की जांच होगी और उच्च अधिकारियों को भी इस घटना को लेकर बताया जाएगा।
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