राजस्थान : NRI के पिता की इलाज न मिलने से मौत, बेटे ने कहा- 50 लाख टैक्स देने के बाद भी नहीं मिला वेंटिलेटर
बाड़मेर में इस शख्स की वेंटिलेटर के अभाव में मौत, एनआरआई बेटों ने पीएम को ट्वीट कर कही यह बात
बाड़मेर। सरकार को प्रतिवर्ष 50 लाख टैक्स अदा करने वाले एक NRI के पिता की मौत इसलिए हो गई क्योंकि बाड़मेर के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज वाले राजकीय चिकित्सालय में वेंटिलेटर की सुविधा नहीं मिली।
पीएम सीएम को किया ट्वीट
यह बात एनआरआई बेटे अरविंद जैन को इतनी खल गई कि उसने ट्विटर के जरिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्र व राज्य सरकार के मंत्रियों को आगाह किया कि बाड़मेर अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। इतना ही नहीं इस एनआरआई ने यह भी कहा कि अगर सरकार बाड़मेर के मेडिकल कॉलेज वाले हॉस्पिटल में वेंटिलेटर को लेकर कुछ कदम उठाती है तो वह सरकार को सहयोग करने के लिए भी तैयार है।
बैंक से रिटायर हुए थे पारसमल जैन
दरअसल, हुआ यूं ही बाड़मेर के स्टेट बैंक में केशियर पद पर कार्यरत पारसमल जैन पिछले कुछ समय से कैंसर से पीड़ित थे। उनके NRI बेटे अरविन्द जैन और नितेश जैन ने अहमदाबाद के निजी हॉस्पिटल में इलाज करवाया और इलाज के बाद उन्हें वापस घर ले आए। घर में कुछ दिन बाद उनकी अचानक तबीयत बिगड़ी तो वे बाड़मेर के राजकीय चिकित्सालय ले गए। यहां पर डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर नहीं होने की बात कहकर छुट्टी दे दी।
दूसरे अस्पताल में भी गए, मगर बच नहीं पाए
बेटों ने जब वेंटीलेटर के बारे में पता किया और दूसरे निजी अस्पताल पहुंचे तब तक उनके पिता की मौत हो चुकी थी। पारसमल के बेटे का कहना है कि वेंटिलेटर होने के बावजूद भी मेरे पिताजी की मौत हो गई। ऐसा किसी और के साथ ना हो इसलिए सरकार से अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। एनआरआई बेटे का यह भी दावा है कि वे भारत सरकार को हर साल बतौर टैक्स 50 लाख देते हैं।
क्या कहते हैं पीएमओ
इस पूरे मामले की मीडिया ने पड़ताल की तो पता चला कि अस्पताल में 2 साल से दो वेंटीलेटर रखे हुए हैं, लेकिन कभी तक उसका उपयोग नहीं हुआ है। इसकी वजह अस्पताल प्रशासन के पास टीम नहीं होना है। राजकीय हॉस्पिटल बाड़मेर के पीएमओ बीएल मंसुरिया का दावा है कि हॉस्पिटल में अलग-अलग वार्डों में करीब आठ वेंटीलेटर हैं। जरूरत पड़ने पर चालू कर मरीज को रखा जाता है। एनआरआई फैमिली को वेंटीलेटर की आवश्यकता थी और उन्हें यह सुविधा क्यों नही मिली है। यह मेरी जानकारी में नही है।