बाड़मेर पुलिस कस्टडी में मारे गए जीतू खटीक का 48 घंटे बाद भी नहीं लिया शव
बाड़मेर। राजस्थान के सरहदी जिले बाड़मेर के सदर थाना पुलिस की हिरासत में मारे गए जीतू खटीक की मौत के 48 घंटे बाद भी उसके परिजनों ने शव नहीं उठाया है। बाड़मेर जीत खटीक मौत प्रकरण को लेकर उसके परिजन राजकीय चिकित्सालय बाड़मेर की मोर्चरी के आगे धरना देकर बैठे हैं।
उनकी मांग है कि जीतू की मौत के जिम्मेदार पुलिसकर्मियों को तुरंत गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। पूरे मामले को लेकर राजस्थान पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक रवि प्रकाश मेहरड़ा एवं बाड़मेर जिला कलेक्टर लगातार वार्ता कर शव उठाने की समझाइश कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा बुलाई गई दूसरी बैठक भी विफल रही।
पुलिस हिरासत में युवक की मौत : बाड़मेर एसपी APO, परिजनों ने 22 घंटे बाद भी नहीं उठाया शव
बाड़मेर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शुक्रवार देर शाम धरनारत प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुलाया गया, जहां पर उन्हें दस लाख का मुआवजा एवं मृताश्रित को संविदा पर नौकरी देने की बात कही, लेकिन इस पर मृतक परिजन नहीं माने और 1 करोड़ रुपए एवं सरकारी नौकरी की मांग पर अड़े रहे। वहीं, शनिवार को बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन भी धरना स्थल पर पहुंचे, लेकिन फिलहाल कोई निर्णायक नतीजा नहीं निकला है।
जानिए
क्या
है
बाड़मेर
जीतू
खटीक
मौत
प्रकरण
जानकारी
के
अनुसार
बाड़मेर
के
हमीरपुरा
निवासी
22
वर्षीय
जीतू
खटीक
को
बुधवार
दोपहर
को
बाड़मेर
सदर
थाना
पुलिस
ने
चोरी
के
आरोप
में
पूछताछ
के
लिए
हिरासत
में
लिया
था।
गुरुवार
सुबह
उसकी
तबीयत
खराब
हो
गई।
पुलिस
ने
उसे
राजकीय
अस्पताल
में
भर्ती
करवाया,
जहां
डॉक्टरों
ने
उसे
मृत
घोषित
कर
दिया।