राजस्थान की इस 'लेडी सिंघम' से कांपते हैं यातायात नियम तोड़ने वाले हाथ, देखें VIDEO
Baran news, बारां। अगर दिल में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई काम मुश्किल नहीं। बुलंद हौसलों के दम पर मंजिल अपने आप मिल जाती है। शायद इसी वजह ने राजस्थान के बारां जिले में पुलिसकर्मी आशा सिंह बारहठ को लेडी सिंघम रूप में पहचान दिला दी। आईए जानते हैं आशा का एक सामान्य पुलिसकर्मी से लेडी सिंघम बनने तक के सफर के बारे में।
छह माह पहले संभाली जिम्मेदारी
दरअसल, बारां राजस्थान के पिछड़े जिलों में से एक है। बारां शहर के लोग अन्य शहरों की तुलना में यातायात के नियमों को लेकर कम जागरूक थे। छह माह पहले यहां पर यातायात पुलिस की जिम्मेदारी आशा सिंह बारहठ को सौंपी गई। आशा ने आते ही पूरे शहर का जायजा लिया और फिर उन जगहों को चुना, जो यातायाता के निमयों के पालना के लिहाज से महत्वपूर्ण थीं। आशा सिंह ने शहर की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने और सड़क दुघर्टनाओं में कमी लाने के प्रयास किए शुरू किए। एक कमरे में चलने वाले 40 के स्टाफ वाले खण्डर भवन की जगह शानदार भवन तैयार करवाया।
आते ही शुरू की कार्रवाई
Lady Singham Asha Singh Baran ने यातायात प्रभारी की जिम्मेदारी संभालने के बाद से ही शहर की सड़कों को अतिक्रमण से मुक्त करवाया। सड़क पर ठेले लगाने और बेतरतीब ढंग से वाहन पार्क करने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की। साथ ही शहर के मुख्य मार्गों को जाम से मुक्त रखने के लिए दिन में यातायात पुलिसकर्मियों की विशेष ड्यूटियां लगाई। इसके अलावा शहर में सुबह सात बजे और देर रात को इस लेडी सिंघम को सड़कों पर गश्त करते देखा जा सकता है। इसका खौफ इतना है कि सड़क से एक बार अतिक्रमण हटाने के बाद कोई वहां दुबारा अतिक्रमण करने की हिम्मत ही नहीं कर पाता है।
रूमादेवी ने देश में बढ़ाया बाड़मेर का मान, राष्ट्रपति ने दिया नारी शक्ति अवार्ड
हजारों वाहनों के चालान काटे
दुघर्टना में कमी लाने और लोगों में यातायात के नियमों की पालना कराने के लिए शहर में जगह-जगह चालान बनाने का बीड़ा उठाया। छह माह में 10 हजार 686 लोगों के चालान बनाकर 18 लाख 49 हजार 250 का जुर्माना वसूला। इस लिहाज से प्रतिदिन 60 चालान काटे गए। शहरी क्षेत्र के अलावा एनएच-27 पर 1318 चैपहिया वाहनों के भी चालान बनाकर 52 हजार 700 रुपए का जुर्माना वसूलने का रिकॉर्ड बनाया।
जगदीश प्रसाद पारीक : राजस्थान के 'गोभी मैन' को पद्मश्री, जानिए कैसे तय हुआ खेत से यहां तक का सफर
स्कूल-कॉलेज में अभियान
नई पीढ़ी को यातायात को लेकर जागरूक करने के लिए यातायात प्रभारी आशा सिंह बारहठ ने स्कूल, कॉलेज और अन्य संस्थाओं में अभियान चलाए। 17 स्कूलों में 15 हजार 200 बच्चों को जागरूक किया। इस दौरान 24 प्रर्दशनी, सेमीनार, गोष्ठियों का भी आयोजन किया गया। 70 वाहन चालकों की आखों की जांच कराई। 2174 वाहन चालकों को प्रशिक्षण दिया गया।
अच्छा माहौल बनाने में सफल रही हूं
बारां यातायात प्रभारी आशा सिंह बताती हैं कि छह माह पहले यातायात पुलिस में बतौर प्रभारी आई तो एक चुनौती सी स्वीकार की थी। शहर के लोगों की सकारात्मक सोच और ईमानदार टीम की बदौलत यहां यातायात के लिहाज से एक अच्छा माहौल बनाने में सफल रही हूं।
ये भी पढ़ें : लोकसभा चुनाव 2019 में वोटिंग से पहले शुरू हो सकता है राजस्थान जाट आरक्षण आंदोलन